मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में शनिवार को दूसरी रीजनल इन्वेस्टर समिट होगी। इस दौरान हजारों करोड़ रुपये के प्रस्ताव आने की उम्मीद है। इससे पहले उज्जैन में एक और दो मार्च को पहली रीजनल इन्वेस्टर समिट हुई थी, जिसमें करीब 90 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आए थे। मुंबई में उद्योगपतियों से चर्चा के दौरान भी प्रदेश में 73 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले थे।
डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को कहा कि औद्योगिक विकास दर में मध्य प्रदेश को देश में नंबर पर लाना है। जबलपुर में होने वाली इन्वेस्टर समिट का मैं स्वागत करता हूं। मध्य प्रदेश में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने की दृष्टि से लगातार एक के बाद एक नए कदम उठाए जा रहे हैं। इसी प्रकार शनिवार को संस्कारधानी जबलपुर में रीजनल इन्वेस्टर समिट होने जा रही है। इसमें देशभर से निवेशक, औद्योगिक घराने प्रदेश में कारोबार बढ़ाने के लिए प्रस्ताव पेश कर सकते हैं।
हम यह बताना चाहते हैं कि मध्य प्रदेश में संसाधनों की कोई कमी नहीं है। हम सभी प्रकार के उद्योगों को लाकर ही प्रदेश का विकास कर सकते हैं। इसी थीम पर हमारी सरकार लगातार काम कर रही है। खासकर चिकित्सा, शिक्षा जैसे क्षेत्रों में प्रचुर संभावनाएं हैं। सूक्ष्म, लघु, मध्यम और बडे उद्योगों के लिए यहां काफी अच्छा माहौल है। हम कारोबारी माहौल बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। जमीन का आवंटन होगा रद्द मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि अब तक हुए इन्वेस्टर समिट में मिले निवेश प्रस्तावों की समीक्षा भी की जाएगी। जो उद्योग किसी कारण से उद्योग नहीं लगा पाए हैं, उनके लिए आरक्षित जमीन लेकर किसी दूसरे उद्योग को दे दी जाएगी।
2025 मनेगा उद्योग वर्ष मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पहले ही वर्ष 2025 को उद्योग वर्ष के रूप में मनाने का फैसला किया है। उज्जैन के रीजनल इन्वेस्टर समिट और मुंबई में उद्योगपतियों के साथ की गई बैठक में 1.60 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इनसे करीब दो लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। मुंबई में उद्योगपतियों से चर्चा के दौरान रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप ने शहडोल में 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश रक्षा क्षेत्र में करने की इच्छा व्यक्त की थी। बैतूल, शहडोल और दमोह में भी 17 हजार करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव जेएस डब्ल्यू लिमिटेड से आया था।