सत्ता में ज्यादा से ज्यादा क्षत्रियों की भागीदारी, क्षत्रिय कल्याण बोर्ड, स्वर्ण आयोग और सनातन बोर्ड का गठन, EWS की विसंगतियों को दूर करना, गौ-हत्या रोकने, एट्रोसिटी का दुरुपयोग रोकने के लिए कड़े कानून और प्रोत्साहन राशि वितरण रोकना, आरक्षण में क्रिमिलेयर का प्रावधान और समीक्षा, लव और लैंड जिहाद को लेकर होगी। सरकार से दो टूक बात जैसी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर क्षत्रिय करणी सेना परिवार 27 अगस्त को भोपाल में महापड़ाव करेंगे।
इस महापड़ाव के जंगी प्रदर्शन में देशभर के लाखों क्षत्रियों के जुटाने का दावा किया जा रहा है। शनिवार को पत्रकार वार्ता में क्षत्रिय करणी सेना परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राज शेखावत और मध्य प्रदेश के अध्यक्ष इंदल सिंह राणा ने बताया कि राजनैतिक पार्टियां सालों से क्षत्रियों की उपेक्षा करती आई है। यह अब नहीं चलेगा। इसका बीड़ा क्षत्रिय करणी सेना ने उठाया है और क्षत्रिय करणी सेना परिवार के द्वारा समस्त क्षत्रियों की अध्यक्षता में भोपाल में क्षत्रिय एकता महापड़ाव की तैयारियां की जा रही है। इस महापड़ाव का क्षत्रियों के हितों की तरफ सरकार का ध्यान आकर्षित करना है।
महापड़ाव का मुख्य उद्देश्य आने वाले विधानसभा चुनावों में क्षत्रियों की ज़्यादा से ज़्यादा भागीदारी सुनिश्चित करना है। इसके साथ ही क्षत्रिय कल्याण बोर्ड और स्वर्ण आयोग के गठन की प्रमुख मांग है। वक्फ की तर्ज पर सनातन बोर्ड के गठन की भी मांग इस महापड़ाव में होगी। करणी सेना लव जिहाद, लैंड जिहाद के विरूद्ध कड़े कानून बनाने साथ ही एट्रोसिटी एक्ट के दुरुपयोग को रोकने, आरक्षण में क्रिमिलेयर का प्रावधान, महापुरुषों और वीरांगनाओं के इतिहास को संरक्षित करने की मांग उठाई जाएगी।
इस आंदोलन के दौरान ईडब्ल्यूएस की विसंगतियों को दूर करने, गौरक्षा के लिए कड़े कानून बनाने को लेकर सरकार से दो टूक बात की जाएगी। इन मांगों पर सहमति बना कर ही महापड़ाव की पूर्णाहुति की जाएगी। सहमति नहीं बनने पर चुनावों में क्षत्रियों द्वारा राजनैतिक पार्टियों को करारा जवाब देने की बात कही गई है।