साल 1975 को वैसे तो हिंदी सिनेमा में अमिताभ बच्चन के साल के ही तौर पर याद किया जाता है क्योंकि उस साल उनकी दो फिल्में ‘शोले’ और ‘दीवार’ सबसे ज्यादा कमाई करने वाली टॉप 5 फिल्मों में शामिल रहीं। लेकिन, उसी साल रिलीज हुई फिल्म ‘जय संतोषी मां’ ने फिल्म पंडितों के सारे समीकरण ही बदल दिए। साल 1975 में कमाई करने के मामले में ये फिल्म ‘शोले’ के बाद दूसरे नंबर पर रही फिल्म है। इसे बनाने वाले निर्माता सतराम रोहरा के निधन की खबर आते ही लोगों में इस फिल्म की चर्चाएं फिर शुरू हो गई हैं। चलिए आपको बताते हैं इस फिल्म का पूरा ‘बाइस्कोप’
‘जय संतोषी मां’ मुंबई : बंबई तब दादर के आगे बांद्रा और जुहू तक भी बमुश्किल ही आ पाया था। और, अंधेरी तक आने में तो लोग दस बार सोचते थे। लेकिन, एक दिन लोगों ने देखा तो पाया कि बैलगाड़ियों की लंबी कतारें वसई विरार की तरफ से और मध्य मुंबई में कल्याण औऱ ठाणे की तरफ से आती ही चली जा रही हैं। लोगों को पता चला कि कोई फिल्म लगी है शहर में, नाम है, ‘जय संतोषी मां’। इसी फिल्म ने पहले शो में कमाए थे सिर्फ 56 रुपये, दूसरे में सिर्फ 64 रुपये, इवनिंग शो की कमाई रही मात्र 98 रुपये और नाइट शो का कलेक्शन बमुश्किल सौ रुपये छू पाया था। लेकिन, रिलीज के पहले सोमवार की सुबह सुबह जो हलचल शुरू हुई तो महीनों तक फिर जहां जहां जय संतोषी मां लगी थी वहां के सफाई करने वाले तक मालदार हो गए, शो के बीच उछाली गई रेजगारियां बटोर बटोर कर।