मप्र कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी लगातार मध्य प्रदेश सरकार को घेरते नजर आ रहे हैं। अब उन्होंने एक बड़ा आरोप सरकार पर लगाया है। पटवारी ने अपने सोशल साइट एक्स पर लिखा है कि एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आ रही है। तीन लाख 73 हजार करोड़ के कर्ज में डूबी मध्य प्रदेश सरकार देश के दूसरे राज्यों में मौजूद एमपी के अलग-अलग विभागों की संपत्ति बेचने और उसे किराए पर देने की तैयारी कर रही है।
वित्त विभाग ने सभी विभागों को पत्र लिख मांगी है जानकारी
जीतू पटवारी ने आगे लिखा कि वित्त विभाग ने सभी विभागों को पत्र लिखकर जानकारी भी मांग ली है। पूछा जा रहा है कि किस राज्य में कितनी संपत्ति किस रूप में है, उसका मूल्य क्या है? अगर किसी प्रॉपर्टी का कोर्ट में केस चल रहा है, किसी तरह का विवाद है तो इसकी भी जानकारी दी जाए। मीडिया रिपोर्ट्स बता रही है कि इस कवायद का मकसद मध्य प्रदेश के बाहर मौजूद विभिन्न विभागों की संपत्ति का डेटा जुटाना है। ताकि उसे बेचकर या किराये पर देकर राशि जुटाई जा सके। संपत्ति के मौजूदा स्वरूप की जानकारी देने के साथ, उसके मौजूदा मूल्य की जानकारी भी चाही गई है।
मोहन जी आपने भी मोदी जी की परंपरा शुरू कर दी : जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पर तंज कसते हुए कहा है कि मोहन जी आपने भी मोदीजी की परंपरा का पालन शुरू कर दिया। कर्ज ले-लेकर जब कर्ज मिलना ही बंद हो गया, तो प्रदेश की संपत्ति बेचने का विकल्प खोज लिया गया। समझ नहीं आ रहा है आपके आर्थिक सलाहकार कौन हैं?
प्रदेश में जन्म लेने वाले बच्चे पर भी 50 हजार से अधिक का कर्ज : जीतू पटवारी ने कहा है कि अहंकार में डूबी भाजपा यह भूल रही है कि इतिहास में भविष्य को आर्थिक रूप से सुरक्षित रखने के लिए ऐसे निवेश, अनुबंध किए जाते थे। आज जबकि मध्य प्रदेश में जन्म लेने वाले बच्चे पर भी 50 हजार से अधिक का कर्ज होता है, आप ऐसा निर्णय कैसे कर सकते हैं? जनता के मन में एक स्वाभाविक सवाल जरूर सामने आएगा कि जमीनों की खरीदी-बिक्री के इस बड़े खेल में आपका जमीनी-अनुभव काम आए, क्या इसीलिए इस विकल्प को चुना गया है? जनता यह भी मानती है कि चंद पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने की नीयत से इस खेल में भी 1000% गड़बड़ी होगी।
सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग : जीतू पटवारी ने लिखा कि मेरी स्पष्ट मान्यता और मांग है कि आर्थिक अराजकता के गहरे और गंभीर दौर में फंस चुकी मध्य प्रदेश सरकार प्रदेश की जनता को सरकारी खजाने की असलियत बताए, पिछले 20 साल में लिए गए कर्ज की स्थिति और देनदारी का खुलासा भी करे। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी यह मांग भी करती है कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर प्रदेश की भाजपा सरकार तत्काल श्वेतपत्र जारी करे।