पुणे हिट एंड रन केस में मध्यप्रदेश के रहने वाले दो इंजीनियर्स की मौत हो गई। हादसा 18 मई की रात दो बजे के करीब हुआ। इस हादसे के आरोपी नाबालिग को किशोर न्याय बोर्ड कोर्ट ने घटना के 15 घंटे के अंदर ही कुछ मामूली शर्तों पर जमानत दे दी। इसके बाद से मामले ने तूल पकड़ लिया है। कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेट फार्म एक्स पर एक वीडिया शेयर कर फैसले पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार पर भी हमला बोला। राहुल गांधी ने कहा कि बस ड्राइवर, ट्रक ड्राइवर, ओला-उबर और ऑटो अगर गलती से किसी को मार देते हैं तो 10 साल की सजा हो जाती है। चाबी उठाकर फेंक देते हैं। लेकिन, अगर अमीर घर का 16-17 साल का बेटा पोर्शे गाड़ी को शराब पीकर चलाता है और दो लोगों की हत्या कर देता है तो उससे कहा जाता है कि निबंध लिख दो। यह निबंध बस, ऑटो और उबर ड्राइवर से क्यों नहीं लिखवाते? पीएम नरेंद्र मोदी से पूछा गया कि दो हिंदुस्तान बन रहे हैं, एक अरबपतियों का और एक गरीबों का। उनका जबाव आता है कि क्या मैं सबको गरीब बना दूं, सवाल यह नहीं है। सवाल न्याय का है, गरीबों और अमीरों सबको न्याय मिलना चाहिए। इसलिए हम लड़ रहे हैं, हम अन्याय के खिलाफ लड़ रहे हैं।
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम ने जताई हैरानी : महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री (डिप्टी सीएम) देवेंद्र फडणवीस ने भी जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के फैसले पर हैरानी जताई है। उन्होंने कहा कि दो लोगों की मौत के बाद भी बोर्ड ने नरम रुख अपनाया। पुणे पुलिस ने बोर्ड को दिए अपने आवेदन में कहा था कि आरोपी की उम्र 17 साल 8 महीने है।
18 मई की रात करीब दो बजे पुणे में हाई स्पीड पोर्शे कार ने बाइक सवार अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा को कुचल दिया था। हादसा इतना भयानक था कि दोनों की मौके पर ही मौत हो गई थी। अश्विनी जबलपुर और अनीश उमरिया का रहने वाला था। हादसे के समय कार पुणे के एक नामी बिल्डर का नाबालिग बेटा चला रहा था और वह शराब के नशे में था। 12वीं में पास होने की खुशी में उसने दोस्तों के साथ पब में एक पार्टी रखी थी। यहां से वापस लौटने समय उसने बाइक सवार अनीश और अश्विनी को टक्कर मार दी। जिस समय यह हादसा हुआ, उस दौरान कार की रफ्तार करीब 200 किमी प्रति घंटे की बताई जा रही थी। हादसे के बाद लोगों ने दो कार सवारों को पकड़ लिया, लेकिन एक मौका मिलते ही भाग गया। पुलिस ने कार चला रहे युवक को गिरफ्तार किया, जिसकी उम्र 17 साल 8 महीने थी। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने आरोपी नाबालिग को 15 घंटे के अंदर ही जमानत दे दी थी। हालांकि, पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने मीडिया को बताया कि हमने अदालत से आरोपी के साथ वयस्क जैसा व्यवहार करने का आग्रह किया था। यह जघन्य अपराध है, हमने नाबालिग की हिरासत भी मांग की है। हम कोर्ट के आदेश के खिलाफ सेशन कोर्ट जाएंगे।