यूपी के इटावा में परिवार के मुखिया ने पत्नी और दो बेटियों के साथ बेटे की हत्या कर दी। पुलिस ने इस हत्याकांड का खुलासा भी कर दिया। आरोपी को जेल भी भेज दिया। आरोपी मुकेश वर्मा ने पुलिस को हत्याकांड की जो कहानी सुनाई, उस पर पुलिस ने यकीन कर लिया। लेकिन परिवार और रिश्तेदारों के गले मुकेश की कहानी उतर नहीं रही है। इसमें कई तरह के सवाल उठ रहे हैं, इन सवालों की जवाब किसी के पास नहीं हैं।
यह सवाल उठ रहे – सुबह चार से पांच बजे तक भूतल से लेकर ऊपर के तल तक दो अलग-अलग कमरों में मुकेश ने चार लोगों का गला दबाया, पर किसी को आवाज तक नहीं आई। – स्वेच्छा से सभी को सुबह गोलियां खिलाईं, ऐसे में किसी बच्चे ने विरोध क्यों नहीं किया। – विरोध हुआ तो उसकी कोई आवाज घर में रहने वाले अन्य सदस्यों को क्यों नहीं सुनाई दी। -सुबह नौ बजे के बाद मुकेश ताले डालकर घर से निकला, इससे पहले तक परिवार का कोई और सदस्य नहीं दिखा, इस पर भी घर के सदस्यों का कोई ध्यान नहीं गया।
-सुबह करीब 10 बजे दूध वाला आया। आवाज दी, लेकिन मुकेश के यहां से कोई न आने पर भी परिवार के अन्य सदस्यों ने घर में रेखा और उसके बच्चों का कोई जिक्र नहीं किया। – पूरे दिन शहर में ही मुकेश घूमा, एक भतीजे और एक भाई को दिखा भी, लेकिन किसी ने नहीं पूछा कि घर के अन्य लोग कहां गए हैं। -नींद की गोलियां दीं, इसका भी कोई रैपर या शीशी मौके से नहीं मिली।
– अपने पत्नी बच्चों को मारने के बाद भी कोई अफसोस नहीं, इससे प्रतीत होता है कि जैसे सोच समझकर मारा गया। -सीओ सिटी को भेजा गया सुसाइड नोट घर से कहां चला गया।- पत्नी के फोन पर स्टेट्स लगाकर क्यों सबको बताया। -सीओ सिटी को संदेश भेजकर फोन स्विच ऑफ किया और मरने के लिए स्टेशन गए, लेकिन पटरियों के बीचों बीच लेटकर ट्रेन निकलने के बाद भी बच गया।