*1 चूहे को पकड़ने में रेलवे ने खर्च किए 41 हजार * *नीमच के व्यक्ति द्वारा मांगी गई जानकारी में हुआ खुलासा*

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नीमच। एक चूहे को पकड़ने में रेल्वे ने 41 हजार रुपए खर्च कर दिए। इसी तरह  168 चूहों को पकड़ने में रेलवे ने करीब 69 लाख रुपए फूंक दिए। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि चूहे कितने नुकसानदायक हो सकते है।  जी हां ये कारनामा उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल ने किया है। जिसका खुलासा नीमच के एक आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा मांगी गई जानकारी से हुआ है।
 नीमच के रहने वाले आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने चूहा पकड़ने के लिए रेलवे द्वारा खर्च की गई राशि की जानकारी मांगी थी। सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में बड़ी बात निकलकर सामने आई है। उत्तर रेलवे में 5 मंडल हैं। दिल्ली, अंबाला, लखनऊ, फिरोजपुर तथा मुरादाबाद। इन सभी मंडलों ने चूहा पकड़ने पर हुए खर्च की जानकारी  नीमच के चंद्रशेखर गौड़ को साझा की गई है। हालांकि लखनऊ मंडल रेलवे के पास यह जानकारी स्पष्ट रूप से उपलब्ध नहीं है कि चूहों की वजह से रेलवे को कितना नुकसान हुआ, लेकिन 69 लाख रुपये खर्च कर महज 168 चूहों को पकड़ने वाली रेल्वे की बात पर लोग तरह-तरह की चर्चा कर रहे हैं। जो नीमच से लेकर देश में अब सुर्खियों में है।
*कितने नुकसानदायक हो सकते है चूहे-*
चूहों का आतंक सिर्फ घरों में ही नहीं, बल्कि सार्वजनिक स्थानों से लेकर सरकारी कार्यालयों तक है। चूहों की वजह से होने वाले नुकसान से बचने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय करते हैं, और कम खर्च में इनसे छुटकारा पाने की कोशिश करते है। बाजार में चूहों से छुटकारा पाने के कई प्रोडक्ट उपलब्ध है, लेकिन आरटीआई के खुलासे के बाद चूहों से ही जुड़ा यह हैरान करने वाला मामला   सुर्खियों में है।
प्रतिवर्ष रेलवे ने 23 लाख से ज्यादा खर्च किए-
जी हां उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल ने एक चूहे को पकड़ने में 41 हजार रुपये खर्च कर दिए। लखनऊ मंडल रेलवे ने चूहों को पकड़ने के लिए 69 लाख रुपये खर्च किए हैं। जानकर हैरानी होगी कि 69 लाख की बड़ी रकम सिर्फ 168 चूहों को पकड़ने में खर्च कर दी। आरटीई रिपोर्ट के मुताबिक यह रकम पिछले तीन सालों में खर्च की गई। यानी प्रतिवर्ष उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल ने चूहों को पकड़ने पर 23 लाख रुपये से ज्यादा खर्च किए। खुलासे के बाद अब रेलवे विभाग में हड़कम्प मचा हुआ है।

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