MP NEWS: कांग्रेस ने भीख मांगने’ वाले बयान पर बीजेपी से किए 6 सवाल,

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कांग्रेस प्रवक्ता मिथुन अहिरवार ने भोपाल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ‘मध्यप्रदेश सरकार में ऐसे लोग बैठे हैं जो चुनाव के पहले ये कहते थे कि जनता की समस्याएं यदि हल नहीं हुई तो उनके लिए मैं सड़क पर आ जाऊंगा। और आज जब वो सरकार में आ गए हैं और जनता जब अपने जायज़ अधिकारों की मांग लेकर उनके पास जाती है तो उन्हें दुत्कारते हुए भिखारी बता देते हैं।’ उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश शासन के मंत्री प्रहलाद पटेल के द्वारा जनता का लगातार अपमान किया जा रहा है और उसपर जो बचकानी सफाई दी जा रही है उसे लेकर प्रदेश कांग्रेस द्वारा मुख्य रूप से उनसे छह प्रश्न पूछे गए हैं:

1. प्रहलाद पटेल ने अपने बयान में एक बात कही थी कि लेने की बजाय देने का मानस बनाएं। तो मध्यप्रदेश की सरकार अब तक चार लाख अस्सी करोड़ का कर्ज ले चुकी है, जो औसतन हर महीने पाँच हज़ार करोड़ से ज्यादा कर्ज ले रही है। तो सरकार बताए कि सरकार भिखारी है या मध्यप्रदेश की जनता भिखारी है। लेने की बजाय देने का मानस बताने की बात पर..जनता इन्हें वोट दे। जनता इन्हें इनकम टैक्स दे। जनता इन्हें जीएसटी दे। ये जो अधिकारियों के माध्यम से अड़ंगे लगाते हैं उसके बाद जनता मजबूर होकर इन्हें रिश्वत भी दे। इतना दे कि सौरभ शर्मा की गाड़ी कहीं नोटों की गड्‍डियों से तो कहीं सोने की ईंटों से भर जाती है..उसके बाद भी जनता से कितना चाहते हैं।

2. वो मंत्री जिन्होंने जनता की जायज़ मांग को लेकर ये कहा कि लोग सरकार से भीख मांगने के आदी हो गए हैं, उन्होंने चुनौती देते हुए ये प्रश्न पूछा कि किसी शहीद का नाम जानते हो जिसने किसी से भीख मांगी हो तो मुझे बताना। इसपर कांग्रेस पार्टी उनसे प्रश्न करना चाहती है कि एक बार जो व्यक्ति शहीद हो गया वो तो किसी से कुछ मांग ही नहीं सकता। लेकिन, इसके परिजनों का जो अधिकार है, यदि वो अधिकार उन्हें नहीं मिलते हैं और वो कागज़ पर लिखकर भाजपा की सरकार से मांग करते हैं तो क्या वो शहीदों के परिवार भिखारी हैं ? भाजपा को इस बात पर जवाब देना चाहिए।

3. इन्होंने कहा है भिखारियों की फौज..मुफ्त की चीजों के प्रति आकर्षण वीरांगनाओं का सम्मान नहीं है। हम पूछना चाहते हैं कि वीरांगनाओं को बीच में लाकर यदि आप कह रहे हैं कि मुफ्त की चीजें वीरांगनाओं का सम्मान नहीं है तो मध्यप्रदेश की एक करोड़ उनतीस लाख लाड़ली बहनों को क्या ये वीरांगना नहीं मानते हैं। इस बात का जवाब भारतीय जनता पार्टी की सरकार को देना चाहिए। लाड़ली बहना को लाड़ली भिखारिन कहने का जो कुत्सित प्रयास है, हमारी बहनों का जो अपमान किया जा रहा है इसे लेकर हमारा तीसरा प्रश्न है।

4. मंत्री जी ने कहा है कि स्वाभिमान से समाज को खड़ा करना अपराध नहीं है। उस समाज में जब आप फ्री की राजनीति की बात करते हैं..आपके नेताओं ने ये दावे किए कि हम मुफ्त में कुछ योजनाएं दे रहे हैं। तो उन मुफ्त की योजनाओं को देने वाले सभी बड़े नेताओं के लिए क्या आप यही बात कहेंगे। अगर ये नेता मुफ्त की योजनाएं दे रहे हैं तो क्या समाज को स्वाभिमान से खड़ा नहीं करना अपराध है। तो क्या बीजेपी के सभी बड़े नेता अपराधी हैं ?

5. विवाद बढ़ने पर प्रहलाद पटेल ने बचकानी सफाई दी है कि वो अपने स्वजातीय बंधुओं को लेकर ये बात कह रहे थे। कांग्रेस ने तो इसमें जाति की कोई बात नहीं की। हमने कहा कि ये प्रदेश की जनता का अपमान है। हम ये जानते हैं कि पीएम मोदी ने देश में चार जातियां बताई थीं..किसान, गरीब महिला और युवा। तो यहां मंत्रीजी द्वारा किसानों को भिखमंगा कहा जा रहा है, युवाओं को गरीबों को या महिलाओं को भिखमंगा कहा जा रहा है। इस बात को स्पष्ट करें। यदि वो नरेंद्र मोदी जी की बात से असहमत हैं और जाति की बात कर रहे हैं तो ये बताएं। हमारी जानकारी में है कि प्रहलाद पटेल अन्य पिछड़ा वर्ग से ओबीसी समाज से संबंध रखते हैं। पूरे देश में आज ये चर्चा का विषय होना चाहिए कि ओबीसी समाज, जिसका हम सम्मान करते हैं जिसके अधिकारों की लड़ाई हम लड़ रहे हैं, उसकी क्या दशा है। मंत्रीजी ने कहा है कि मैंने भीख मांगने वाली बात अपने स्वजातीय बंधुओं से अपने समाज से कही है..तो क्या बीजेपी ओबीसी समाज के लोगों को भिखमंगा मानती है। इसका जवाब उन्हें देना चाहिए।

6. हम सब भोपाल में रहते हैं। भोपाल में एक आदेश जारी किया गया है जिसके तहत अबसे भीख लेना और देना अपराध है। जो भीख लेगा और देगा उसे जेल में डाल दिया जाएगा। तो क्या भाजपा का षड्यंत्र है कि अपना अधिकार कागज़ पर लिखकर देना, इसे भीख घोषित करके जनता को अपराधी साबित करके, जनता को जेल में डालने का। क्या भारतीय जनता पार्टी द्वारा ये षड्यंत्र किया जा रहा है।

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