विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का एप तैयार किया जा चुका है। यह एप जीपीएस द्वारा संचालित है। इससे यह किसी भी स्थान पर सूर्योदय के समय को सटीकता से जान पाता है और उसके अनुसार वैदिक समय की गणना करता है। यह एप 189 से अधिक भारतीय एवं वैश्विक भाषाओं में देखा जा सकता है। यह घड़ी सूर्योदय से परिचालित है। अतः जिस स्थान पर जो सूर्योदय का समय होगा, उस स्थान की कालगणना तदनुसार होगी। स्टेंडर्ड टाइम भी उसी से जुड़ा रहेगा। इस एप के माध्यम से वैदिक समय, लोकेशन, भारतीय स्टेंडर्ड टाइम, ग्रीन विच मीन टाइम, तापमान, वायु गति, आर्द्रता, भारतीय पंचांग, विक्रम सम्वत्, मास, ग्रह स्थिति, योग, भद्रा स्थिति, चंद्र स्थिति, पर्व, शुभाशुभ मुहूर्त, घटी, नक्षत्र, जयंती, व्रत, त्यौहार, चौघडिया, सूर्य ग्रहण, चन्द्रस ग्रहण, आकाशस्था, ग्रह, नक्षत्र, ग्रहों का परिभ्रमण आदि की जानकारी समाहित है। प्रधानमंत्री को भेंट की जा चुकी है वैदिक घड़ी कुछ दिनों पूर्व भोपाल में आयोजित ग्लोबल समिति के दौरान मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस वैदिक घड़ी का छोटा स्वरूप भेंट किया था। जिसे प्रधानमंत्री ने सराहा भी था। वर्तमान में इस प्रकार की वैदिक घड़ी विक्रमादित्य शोधपीठ कार्यालय में लगी हुई है, लेकिन जल्द ही इस प्रकार की 100 से अधिक वैदिक घड़ियां अब देश-विदेश में भी भेजी जाएंगी। शुरुआती दौर में प्रधानमंत्री कार्यालय और नए संसद भवन में इसे लगाया जाएगा।
बिजली चले जाने पर भी यह घड़ी बंद नहीं होगी विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने बताया कि यह वैदिक घड़ियां विशेष तरीके से तैयार की जा रही है जिसमें हिंदी और अंग्रेजी के साथ ही लगभग 189 भाषाएं रहेंगी। घड़ी की विशेषता की बात की जाए तो इसे विशेष चिप के माध्यम से तैयार किया जा रहा है जिससे बिजली चले जाने पर भी यह घड़ी बंद नहीं होगी और इसका समय अपने आप चलता रहेगा। विक्रमादित्य वैदिक घड़ी – 30 मार्च को होगा एप का लोकार्पण, हिंदी अंग्रेजी ही नहीं 189 भाषाओं को