विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सौरभ शर्मा मामले को लेकर एक बार फिर से कई सवाल खड़े किए हैं। उन्होने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत समेत कई बडे़ नेताओं पर आरोप भी लगाए हैं। उन्होने शनिवार को भोपाल में मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार सौरभ को बचाना चाहती है। उसके घर मिले दस्तावेजों की जांच होना चाहिए। 40 दिन फरारी के दौरान वह कहां रहा? किसने मदद की? इसकी कोई जानकारी नहीं है। यह सच सामने आना चाहिए। सौरभ शर्मा की कॉल डिटेल अबतक सार्वजनिक नहीं हुई है। कॉल डिटेल सामने आने के बाद कई अधिकारी और नेता बेनकाब होंगे। उन्होंने आरोप लगया कि परिवहन विभाग से एक केंद्रीय मंत्री को हर माह 2 करोड़ रुपए जाते थे।
राजपूत ने पूरे रैकेट को सम्भाला: नेता प्रतिक्ष ने कहा कि मंत्री गोविंद राजपूत को घेरते हुए कहा कि राजपूत ने पूरे रैकेट को सम्भाला। दशरथ पटेल और अलीम खान रिटायर्ड होने के बावजूद भ्रष्टाचार करते रहे। उनके अलावा संजय ढांडे, संजय श्रीवास्तव ने गोविंद सिंह के साथ मिलकर घोटाला किया। सिंघार ने कहा कि एक साल में करीब डेढ़ हजार करोड़ की कमाई होती थी। हर महीने डेढ़ सौ करोड़ की कमाई की जाती थी। इसी से मंत्री गोविंद राजपूत ने वर्ष 2019 से 2024 के बीच कई जमीनें खरीदीं। राजपूत ने पत्नी और बच्चों के नाम 400 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी खरीदी। मंत्री राजपूत ने 200 करोड़ रुपए की प्रापर्टी अपनी सास और रिश्तेदारों के नाम पर ख़रीदी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 में गोविंद राजपूत ने 134 करोड़ की संपत्ति का ब्योरा एफिडेविट में नहीं दिया।
नेता प्रतिपक्ष ने लगाए आरोप
1- सौरभ शर्मा के यहां से मिले दस्तावेजों की जांच नहीं हुई, उनकी गिरफ्तारी 41 दिन बाद हुई। 2- सौरभ शर्मा के फ़ोन का CDR जारी नहीं किया गया, जिससे कई बड़े नेताओं और अधिकारियों के नाम उजागर हो सकते हैं। 3- गोविंद राजपूत इस पूरे रैकेट को संभालते थे, उनके कार्यालय में ही सारी डीलिंग होती थी। 4- गोविंद राजपूत ने 2019 से 2024 के बीच अपनी पत्नी, बच्चों और रिश्तेदारों के नाम पर 600 करोड़ से अधिक की संपत्ति अर्जित की। 5- 2023 में अपने 134 करोड़ की संपत्ति को शपथ पत्र में छुपाया। 6- ज्ञान वीर समिति के नाम पर दान की आड़ में ज़मीनों की हेराफेरी की गई। 7- दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी में भी गोविंद सिंह राजपूत और उनके बिज़नेस पार्टनर्स ने ज़मीनें खरीदीं। 8- परिवहन विभाग से एक केंद्रीय मंत्री को हर माह 2 करोड़ रुपये दिए जाने का आरोप।