नीमच।
व्यक्ति सुंदरता से नहीं बल्कि उसके गुण व अच्छाइयां उसे महान बनाती है। धन, संपत्ति व्यक्ति को अहंकारी बनाती है। माता-पिता के आशीर्वाद व उनके द्वारा प्रदत्त संस्कार मनुष्य के लिए अमूल्य निधि होते हैं।
उक्त आशय के उदगार आचार्य धर्म बोधी सुरी श्री जी महाराज साहब ने जैन श्वेतांबर श्री भीड़ भंजन पार्श्वनाथ मंदिर प्रवचन के दौरान व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि माता-पिता के उपकार कभी नहीं भूलना चाहिए। धर्म सभामें आचार्य भगवंत श्री जिनसुंदर सुरिजी मसा आदि ठाणा 8 का सानिध्य भी श्रावकों को मिला । श्री संघ अध्यक्ष अनिल नागौरी सचिव मनीष कोठारी ने बताया कि प्रतिदिन सुबह 9.15 बजे प्रवचन व साध्वी वृंद के दर्शन वंदन का लाभ श्रावकों ने प्राप्त कर जीवन धन्य बनाया।