BSNL का नेटवर्क हुआ फेल तो ग्रामीणों ने अधिकारियों को टॉवर में किया बंद,….

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मप्र के खरगोन जिले के पिपलझोपा गांव में बीएसएनएल के नेटवर्क की समस्या को लेकर एक अनोखा मामला सामने आया है। जब बीएसएनएल के अधिकारी गांव में लगे टॉवर की जांच के लिए पहुंचे, तो उन्हें ग्रामीणों के भारी आक्रोश का सामना करना पड़ा। नाराज ग्रामीणों ने अधिकारियों को टॉवर के कैंपस में बंद कर दिया और गेट पर ताला लगा दिया। इसके बाद वे गेट के बाहर धरने पर बैठ गए। उनकी मांग थी कि प्रधानमंत्री मोदी की “हर गांव 4G” योजना के तहत गांव में लगे टावर की नेटवर्क समस्या को तुरंत ठीक किया जाए।

पिपलझोपा गांव में छह महीने पहले बीएसएनएल का 4जी टावर लगाया गया था। इसके बावजूद अधिकांश ग्रामीणों के मोबाइल में नेटवर्क नहीं आ रहा था। यह समस्या जब मीडिया में आई, तब बीएसएनएल के अधिकारी सक्रिय हुए। टॉवर को चालू किया गया। फिर भी, छह महीने बीत जाने के बाद भी केवल कुछ ही मोबाइल में नेटवर्क आ रहा था, जिससे ग्रामीणों में नाराजगी बढ़ गई। बीएसएनएल के अधिकारी जब टॉवर की जांच के लिए गांव पहुंचे, तो बड़ी संख्या में ग्रामीण इकट्ठा हो गए। अधिकारियों से तुरंत समस्या का समाधान करने की मांग की। ग्रामीणों ने अधिकारियों पर आरोप लगाया कि टॉवर सही से काम नहीं कर रहा है। जब उन्होंने यह सुना कि टॉवर में 2100 बैंड बंद है, तो उन्होंने आक्रोशित होकर अधिकारियों को टॉवर के कैंपस में बंद कर दिया और धरने पर बैठ गए।

पुलिस और एंबुलेंस को कॉल करना भी मुश्किल: ग्रामीणों का कहना था कि टॉवर बंद होने से उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यहां न तो नेट बैंकिंग कर सकते हैं, न ही जरूरी संदेश भेज सकते हैं। अगर गांव में कोई आपातकालीन स्थिति होती है, तो न पुलिस को कॉल कर सकते हैं और न ही एंबुलेंस को। इस वजह से उनका गांव विकास से पिछड़ा हुआ है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर नवंबर तक टॉवर चालू नहीं होता, तो वे खरगोन में बीएसएनएल के कार्यालय में धरना प्रदर्शन करेंगे या फिर चक्का जाम करेंगे।

अधिकारियों ने दिया आश्वासन: टॉवर की जांच के बाद अधिकारियों ने इंदौर और भोपाल के वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क किया। ग्रामीणों को आश्वासन दिया गया कि नवंबर के पहले या दूसरे हफ्ते तक पिपलझोपा के सभी मोबाइल में नेटवर्क उपलब्ध होगा। विरोध कर रहे ग्रामीण मनीष जायसवाल ने बताया कि मोदी जी की “हर गांव 4G” योजना के तहत टॉवर तो लगाया गया, लेकिन यह अभी तक पूरी तरह से चालू नहीं हुआ। अधिकारियों ने दबाव में आकर बताया कि नवंबर तक टावर की समस्या हल कर दी जाएगी।

बीएसएनएल के अधिकारी दीपेश राठौर ने कहा कि उन्होंने पिपलझोपा की साइट का दौरा किया और पाया कि ग्रामीणों को नेटवर्क की समस्या हो रही है। उनके मुताबिक, ग्रामीण चाहते हैं कि गांव के सभी मोबाइल में 2100 बैंड की सुविधा शुरू हो। उन्होंने इंदौर और भोपाल के वरिष्ठ अधिकारियों से बात की, जिन्होंने आश्वासन दिया कि नवंबर के पहले या दूसरे हफ्ते तक यह समस्या हल कर दी जाएगी।

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