भोपाल । AP NEWS EXPRESS
उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने गुजरात के केवड़िया में आयोजित भारत पर्व समारोह में कहा कि एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना से ही राष्ट्र सशक्त बनेगा। उन्होंने राष्ट्र के एकीकरण के महानायक सरदार वल्लभ भाई पटेल को नमन किया। उप मुख्यमंत्री श्री देवड़ा ने सरदार पटेल स्मृति संग्रहालय का भ्रमण किया और अपने विचार व्यक्त किये। यह आयोजन गुजरात सरकार द्वारा भारत सरकार के सहयोग से सरदार पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में किया गया। श्री देवड़ा ने कहा कि यह अत्यंत सुखद संयोग है कि इस वर्ष राष्ट्रीय एकता और अखंडता के प्रतीक राष्ट्रगीत “वंदे मातरम” की भी 150वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।
उप मुख्यमंत्री श्री देवड़ा ने कहा कि “जब भारत आज़ाद हुआ, तब 562 रियासतें थीं। सरदार पटेल ने अदम्य इच्छाशक्ति और अद्वितीय राजनीतिक कौशल के बल पर देश को एक सूत्र में पिरोया। आज का भारत उनके त्याग, परिश्रम और दूरदर्शिता का परिणाम है। सरदार पटेल का जीवन इस बात का प्रमाण है कि सच्चा नेतृत्व वह है जो राष्ट्र की एकता, अखंडता और समरसता के लिए कार्य करे।
“मध्यप्रदेश – विविधता में एकता का प्रतीक”
उप मुख्यमंत्री श्री देवड़ा ने कहा कि मध्यप्रदेश, विविधता में एकता की जीवंत मिसाल है। यहाँ की संस्कृति, बोली, पहनावा भले अलग हों, पर भावना एक है, आत्मा एक है। यह वही भूमि है जहाँ वीर टंट्या मामा, रानी अवंतीबाई, और टंट्या भील जैसे अमर बलिदानियों ने मातृभूमि के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर किया।
उप मुख्यमंत्री श्री देवड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश आज विकास के नए युग में प्रवेश कर चुका है। प्रदेश ने अधोसंरचनात्मक विकास के साथ ही जनकल्याणकारी योजनाओं का सुदृढ़ ढांचा तैयार किया है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश देश के सबसे बड़े राज्यों में से एक है। उन्होंने बताया कि “कृषि क्षेत्र में प्रदेश ने उल्लेखनीय प्रगति की है। कृषि क्षेत्र राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 43 प्रतिशत योगदान दे रहा है। औद्योगिक विकास, निवेश और रोजगार सृजन के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है।”
उप मुख्यमंत्री श्री देवड़ा ने कहा कि मध्यप्रदेश एक परिवर्तनशील यात्रा पर है, जो अमृत काल में समृद्ध भारत के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाएगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि वर्ष @2047, जब भारत अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी मना रहा होगा, तब मध्यप्रदेश एक समृद्ध और आत्मनिर्भर राज्य के रूप में देश में अग्रिम पंक्ति में खड़ा होगा।

