नीमच जिले में एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना अन्त्र्गत दो दिवसीय जिला स्त-रीय सेमीनार/उद्यानिकी कृषक मेले का आयोजन जिला पंचायत सभाकक्ष नीमच किया गया । कार्यक्रम का शुभारंभ माननीय श्री सज्जकनसिंह चौहान, जिला पंचायत अध्यचक्ष महोदय, डॉ. सी.पी. पचौरी जी (वरिष्ठउ वैज्ञानिक एवं प्रमुख), डॉ. पी.एस. नरूका जी, डॉ. श्यामसिंह सारगंदवोत, डॉ. शिल्पी वर्मा, (कृषि वैज्ञानिक) कृषि विज्ञान केन्द्र नीमच एवं श्री अतर सिंह कन्नौजी (उप संचालक उद्यान), श्री भगवानसिंह अर्गल (उप संचालक कृषि), श्री देवशाह इनवाती (सहायक संचालक मत्यो स द्योग), श्रीमती चंचल अग्रवाल (सहायक संचालक उद्योग), श्रीमती मंजुला धीर (प्राध्यातपक सी.एम. साईज स्कूोल नीमच), श्री सुभाषचन्द्र शर्मा, जिला रिसोर्स पर्सन (PMFME योजना) एवं अन्यप गणमान्यय अतिथियों/कृषकों की उपस्थिति में मॉ सरस्वति के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण कर किया गया । कार्यक्रम में सर्वप्रथम माननीय श्री सज्जकनसिंह चौहान, जिला पंचायत अध्यपक्ष महोदय, द्वारा किसानों को परम्पकरागत खेती की जगह उद्यानिकी खेती एवं जैविक खेती की और मुडने हेतु कृषकों को प्रेरित किया गया। तत्पश्चात् उप संचालक उद्यान अतर सिंह कन्नौजी द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित कृषकों को विभागीय योजनाओं की विस्तृ्त जानकारी दी । जैसे- फल/सब्जी्/मसाला क्षैत्र विस्तायर, सरंक्षित खेती, जैविक खेती आदि योजनाओं अंतर्गत प्रदाय अनुदान एवं तकनीकी जानकारी प्रदाय की गई साथ ही पीएम-एफएमई योजना की जानकारी के साथ-साथ योजना का अधिक लाभ लेने हेतु कृषकों एवं युवा उद्यामितयों को प्रेरित किया । तत्पश्चात् वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं कृषि विज्ञान केन्द्र प्रमुख डॉ. सी.पी. पचौरी द्वारा कृषकों को पारम्परिक खेती की अपेक्षा उद्यानिकी की आधूनिक खेती अपनाने एवं फसल प्रबंधन फल,सब्जी , मसाला एवं औषधीय पौधों का किस्मेवार जानकारी दी जाकर उत्पानदन को अधिक करने हेतु समझाइश दी गई तथा पीएम-एफएमई योजना अंतर्गत खाद्य प्रंसस्करण इकाइयों स्थापित करने हेतु जानकारी दी गई। तत्पश्चात् कृषि वैज्ञानिक डॉ. पी.एस. नरूका द्वारा उद्यानिकी फल एवं सब्जियों के अधिक उत्पा दन एवं गुणवत्तातपूर्ण उत्पापदन करने हेतु उच्चई तकनीकी का उपयोग करने हेतु विस्तृबत जानकारी दी गई । उनके द्वारा गुणवत्तातपूर्ण उत्पापदन हेतु उच्च् तकनीकी का उपयोग करने, प्रमाणित बीज अथवा उत्तीम रोपण सामग्री से उत्पादन करने हेतु बताया गया। साथ ही पौध रोपण हेतु INM एवं FYM के उपयोग एवं जैविक खाद का उपयोग करने हेतु जानकारी प्रदाय की गई । तत्पश्चात् डॉ. शिल्पी वर्मा, कृषि वैज्ञानिक द्वारा कृषकों को उद्यानिकी फसलों के प्रसंस्कोरण, लाईसेंसिंग, ब्रांडिग, मार्केटिंग पैकेजिंग के बारे में जानकारी प्रदाय की गई साथ ही फसल कटाई उपरांत उन्हेंन लंबे समय तक भण्डाडरित करने एवं फसलों के मूल्यै सवंर्धन के बारे में जानकारी दी गई । डॉ. श्यामसिंह सारंगदेवोत द्वारा फसलों में लगने वाले प्रमुख कीट एवं रोगों के बारे में जानकारी दी एवं लक्षणों के अनुसार उचित फफूंदनाशकों एवं कीटनाशकों के बारे में जानकारी दी गई । तत्पश्चात् डॉ. भगवानसिंह अर्गल, (उप संचालक कृषि) द्वारा कृषि विभाग की योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई एवं फसलों के गुणवत्ताापूर्ण उत्पा दन हेतु नई किस्मों का चयन करने तथा सही मात्रा में उर्वरक के उपयोग करने हेतु तकनीकी जानकारी दी गईा तत्पजश्चाात श्री देवशाह इनवाती, सहायक संचालक मत्यो क द्योग द्वारा मतस्यक पालन एवं मत्य्ु न संपदा योजना की विस्तृकत जानकारी दी गई । तत्पतश्चाात श्रीमती चंचल अग्रवाल (सहायक संचालक उद्योग) द्वारा कृषकों को उद्योग विभाग की प्रधानमंत्री उद्यम क्रान्ति योजना एवं अन्यश योजनाओं के बारे में विस्तृदत जानकारी दी गई । तत्पश्चात जिला रिसार्स पर्सन श्री सुभाषचन्द्र शर्मा द्वारा पीएम-एफएमई योजना हेतु डीपीआर तैयार करने एवं बैंक से ऋण हेतु आवश्यक दस्तावेज एवं प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी गई। दो दिवसीय कार्यक्रम में उद्यानिकी विभाग, कृषि विभाग, उद्योग विभाग, मतस्य विभाग, पशुपालन विभाग, ग्रामीण आजीविका मिशन एवं PMFME योजना अन्तिर्गत तैयार उत्पागदों- धनिया, हल्दी , मिर्च, अश्वगंधा पावडर, लहसून उत्पावद, तेल प्रसंस्क,रण उत्पागद, सूक्ष्मो सिंचाई संयंत्र एवं IFFCO, IPL आदि की प्रदर्शनीयॉ भी लगाई गई । क्षैत्रीय जनप्रतिनिधियों ने प्रदर्शनियों का अवलोकन किया एवं प्रदर्शिनी को देखने हेतु कृषकों ने बढ-चढकर भाग लिया साथ ही कार्यक्रम के अंत में जनप्रतिनिधियों के माध्यम हितग्राहियों को स्वीबकृति पत्र प्रदाय किये गये ।