नीमच: आज 24 अक्टूबर को प्रात: 06:16 से
प्रारंभ हुई पुष्य नक्षत्र की वेला कल 25 अक्टूबर प्रात: 07:40 तक अधिकांश शुभ कार्यों के लिये श्रेष्ठ कार्यों के लिए वरदान बनेगी। आज सूर्योदय से ही संपूर्ण दिन गुरु पुष्य योग के साथ ही सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग भी विद्यमान रहेंगे । गुरु पुष्य के साथ शुभ योग की युति इस दिन को विशेष रूप से अत्यधिक शुभ श्रेणी का बनाती है. आधुनिक भाषा में इसे मिनी धनतेरस के रूप में भी संबोधित किया जाता है ! कहा गया है कि
”पुष्य सिद्धौ नक्षत्र सिद्धयंति अस्मिन सर्वाणि कार्याणि सिद्ध्यः।
पुष्यंति अस्मिन् सर्वाणि कार्याणि इति पुष्य।”
पुष्य नक्षत्र को अत्यंत शुभ माना गया है और इस समय पर किए गए सभी कार्यों को सफलता के लिए श्रेष्ठ माना जाता है | व्यापारिक लेन-देन से जुड़े काम नए काम का आरंभ करना भी इस दिन शुभ होता है। इस महायोग में भूमि ,भवन मकान ,वाहन, वस्त्र, स्वर्ण, आभूषण ,मशीनरी ,कारखाना चालू करना , बहीखाता खरीदना आदि के लिये सर्व श्रेष्ठ मूहूर्त माना गया है। ज्योतिष शास्त्र में भी इस दिन का अत्याधिक महत्त्व है और मांगलिक कार्यों के अलावा आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी यह दिन उत्तम श्रेणी का है। गुरु पुष्य के दौरान आध्यात्मिक साधना बेहद शुभ होती है। इस समय पूजन, नाम जप आदि करना शुभ माना जाता है।