जिला अस्पताल में मरीजों के लिए इलाज कराने टोकन सिस्टम शुरू हो गया है। बड़ी स्क्रीन भी चालू हो गई है,लेकिन किस मरीज का नंबर आया और कितनी वैटिंग है, यह स्क्रीन पर दिखाई नहीं दे रहा है।जिससे मरीज पहले जैसे ही लाइन में लगकर अपना इलाज करा रहे है। वर्तमान में भी मरीज ओपीडी व पंजीयन खिड़की पर लाइन में लगकर अपना नंबर आने का इंतजार कर रहे हैं।
जिला अस्पताल में करीब दो माह पूर्व मरीजों को कतार से राहत देने के लिए टोकन सिस्टम लगाया गया था। शुरुआत में यह कई दिनों तक खराब रहा जिसे वापस शुरू किया लेकिन उसके बाद यहां उसका ज्यादा उपयोग नहीं हो रहा है। टोकन सिस्टम शुरू होने के बाद भी मरीजों को इसका लाम नहीं मिल रहा था। जबकि डॉक्टरों का कहना है कि मरीजों को टोकन लेने के बाद कतारों में खड़ा होना नहीं पड़ेगा, सीधे जिस डॉक्टर के पास जाना है, उसका नंबर आने पर स्क्रीन पर दिखाई देगा यहां पर स्क्रीन तो चालू थी, लेकिन उसमें मरीज इलाज के लिए होने के बाद भी नंबर दिखाई नहीं रहा है जिससे मरिजों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा था। हालात यह हैं कि अभी भी वही पुराने दर पर अस्पताल की व्यवस्था चल रहीं है।
दरअसल टोकन सिस्टम से उपचार कराने का तरीका अलग है। अब लोगों को कतारों में खडे होना नहीं पड़ेगा, बल्कि स्क्रीन पर अपने टोकन में दिया गया नंबर आने के बाद ही डॉक्टर के पास जाना होगा। इसके लिए जिला अस्पताल के अंदर मुख्य द्वार पर डिस्प्ले लगी हुई है जिस पर टोकन नंबर दिखाई देगा। वही अंदर टीवी स्क्रीन और डॉक्टर कक्ष के बाहर लगी स्क्रीन पर भी नंबर देख सकते हैं।एक मशीन डॉक्टर के पास रहेगी,जिसमें वह उनके हाथ में जो टोकन नंबर आएगा और उसी नंबर को प्रेस करेंगे तब बाहर स्क्रीन पर दिखाई देगा।
टोकन सिस्टम से ऐसे होगा मरीजों का उपचार
इसके लिए सबसे पहले टोकन मशीन के पास जाकर टोकन नंबर लेना पड़ेगा फिर ओपीडी से जिस बीमारी का उपचार कराना है उसका पर्चा बनवाना होगा। पर्चा और टोकन नंबर दोनों लेकर डॉक्टर के पास जाना है, जहां पर नंबर लगाना पड़ेगा, जो मशीन डॉक्टर के पास रहेगी। वह जिस मरीज का नंबर आएगा, उस टोकन नंबर को प्रेस करेगा तो वह नंबर स्क्रीन पर दिखाई देने लगेगा। यह नंबर तीन स्थानों पर दिखाई देगा ,सबसे पहले जिला अस्पताल के मुख्य द्वार पर लगाई बड़ी स्क्रीन में,उसके बाद अंदर 2 स्थानों पर टीवी स्क्रीन लगी है उन पर दिखाई देगा। वहीं जिस डॉक्टर के पास जाना है उसके बाहर भी उसी टोकन नंबर को दर्शाया जाएगा।
मरीजों को समझने में लगेगा समय
अस्पताल प्रबंधन के अधिकारियों ने कहा कि इसे समझने मरीजों को कुछ समय लग जाएगा। इस समय जिला अस्पताल के लिए यह व्यवस्था नई है और मरीजों को भी इसके लिए समझने में कुछ समय लग जाएगा। धीरे-धीरे मरीजों के समझने के बाद परेशान होना नहीं पडेगा पूरा सिस्टम चालू हो गया है ।
3 माह से बंद पड़ा आईसीयू का एसी
जिला अस्पताल में लापरवाही का आलम यह हैं कि वहां की व्यवस्था सुधर नहीं पा रही है। तीन माह पहले कलेक्टर के निरीक्षण में सामने आई कमियां अभी तक दुरुस्त नहीं हो सकी है।ट्रामा सेंटर में गंभीर मरीजों को भर्ती के लिए बना आईसीयू का एसी बीते 3 माह से बंद पड़ा है। जिसको सुधरवाने के लिए कलेक्टर दिनेश जैन ने भी प्रबंधन को निर्देश दिए थे लेकिन आज दिनांक तक वह नहीं सुधरा है प्रबंधन के अधिकारी बजट का अभाव होने का हवाला दे रहे है। ऐसे में गंभीर स्थिति होने पर मरीजों को आईसीयू में भर्ती करने के बजाए दूसरी जगह रैफर किया जा रहा है।
इनका कहना
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ.ए.के. मिश्रा का कहना है कि टोकन सिस्टम की मशीनों में कई बार तकनीकी खराबी आ रही है। जब वह चलता तब लोग उसका पालन नहीं करते हैं। वे कतार में ही इलाज कराने के लिए खड़े रहते हैं।हम प्रयास कर रहे हैं कि वह व्यवस्था पूरी तरह से लागू हो जाए।आईसीयू का बंद एसी भी जल्द ठीक करा दिया जाएगा