
कार्तिक मास की चतुर्थी को करवा चौथ का पर्व मनाया जाता है । इस साल यह तिथि एक नवंबर बुधवार को उपस्थित हो रही है। यानी आज महिलाएं करवा चौथ का व्रत रखकर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करेंगी। इस साल कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 31 अक्टूबर मंगलवार रात 9 बजकर 30 मिनट से शुरू होकर एक नवंबर रात 9 बजकर 19 मिनट तक है। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, करवा चौथ का व्रत बुधवार एक नवंबर को रखा जा रहा है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए इस कठिन व्रत को रखकर दिन भर अन्न जल गृहण नहीं करेगी । उल्लेखनीय है कि भारतीय परंपरा के अनुसार करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए खास माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, सबसे पहले देवी पार्वती ने शिव जी के लिए यह व्रत रखा था। यह भी मान्यता है कि द्रौपदी ने भी पांडवों को संकट से मुक्ति दिलाने के लिए करवा चौथ का व्रत रखा था। करवा चौथ का व्रत विवाह के 16 या 17 सालों तक करना अनिवार्य माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो स्त्री इस व्रत को करती है, उसके पति की उम्र लंबी होती है, गृहस्थ जीवन अच्छा रहता है, पति की सेहत बनी रहती है। वैसे कुंवारी लड़कियां भी इस व्रत को अच्छे मन चाहे वर की प्राप्ति के लिए करती है। इस व्रत में निर्जला व्रत रखकर महिलाएं सूर्योदय से चंद्रोदय तक उपवास रखती है। उसके बाद चंद्रमा की पूजा कर अर्ध्य देकर व्रत का पारणा करती है। तभी इस व्रत का फल उन्हें प्राप्त होता है। 1 नवंबर को करवा चौथ के दिन चंद्रोदय 8:26 पर होगा। इस दिन पूजा का समय 5:45 से 7:00 बजे तक रहेगा। करवा चौथ के दिन सर्वार्थ सिद्धि व शिव योग बन रहा है जो करवा चौथ के महत्व को और भी अधिक बढ़ा रहा है।
—-सुरेश सन्नाटा