नीमच।
जिले के विधान सभा क्षेत्र जावद व मनासा ऐसी सीट है जहां बगावत के स्वर हावी होकर घोषित उम्मीदवारों के सामने चुनौति बनकर खड़े हो गये हैं। जावद में कांग्रेस ने पिछले दिनों घर वापसी कर भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए समन्दर पटेल को उम्मीदवार घोषित कर जावद विधान सभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं का विरोध मोल ले लिया है। जिसे वे इंदौरी बाबू के बजाय स्थानीय की मांग के साथ हवा देकर एक जाजम पर एकत्रित हो गये हैं। अगर चर्चाओं की माने तो कांग्रेस के निष्ठावान कार्यकर्ताओं के अनुसार जावद में कांग्रेस नेतृत्व ने “नाचे कूदे …… और खीर खाए फकीर” वाली कहावत चरितार्थ कर कांग्रेस का झंडा उठाकर अपनी निष्ठा पर अडिग रहने वाले स्थानीय उम्मीदवारों को अनदेखा कर इन्दोरी बाबू को थोपा है। जिसे निष्ठावान कार्यकर्ता स्वीकार करते नजर नहीं आ रहे हैं। इसी तरह मनासा विधान सभा में भी बाहरी का आरोप लगाकर कांग्रेस कार्यकर्ता नरेन्द्र नाहटा की उम्मीदवारी से खफा होकर मंगेश संघई व इन्दर मल पामेचा के साथ एक जाजम पर बैठ कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार के लिये चुनौति बनते नजर आ रहे हैं। याने जावद में 20 साल से अपने जनप्रतिनिधित्व को तरस रही कांग्रेस अब भी ऐसी स्थिति में खड़ी है जहां उसके समक्ष अपनों का ही दंश मुंह बाए खड़ा है। जिसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ सकता है। यही स्थिति उसे मनासा में भी देखना पड़ सकती है।