भरहुत गांव का युवक शिवम बड़गैया अपने पालतू जर्मन शेफर्ड कुत्ते के साथ घर के बाहर टहल रहा था, तभी अचानक जंगल से एक बाघ गांव में घुस आया और शिवम पर हमला करने के लिए झपटा। हालात को भांपते हुए जर्मन शेफर्ड ने अपनी जान की परवाह किए बिना बाघ का सामना किया। वह जोर-जोर से भौंकने लगा, जिससे बाघ कुछ देर के लिए स्तब्ध हो गया। हालांकि, थोड़ी देर बाद बाघ ने युवक को छोड़कर कुत्ते की ओर दौड़ लगा दी। कुत्ते ने बहादुरी दिखाते हुए बाघ से लड़ने की पूरी कोशिश की, लेकिन बाघ ने उसे जबड़े में दबाकर गांव के बाहर तक घसीट लिया। कुत्ते की हिम्मत और संघर्ष को देखते हुए बाघ ने थक-हारकर उसे छोड़ दिया और जंगल की ओर लौट गया। इस बीच, कुत्ता गंभीर रूप से घायल हो गया था। मालिक शिवम तुरंत उसे जिला मुख्यालय लेकर पहुंचे, जहां पशु चिकित्सक ने उसका इलाज किया। हालांकि, गहरे जख्मों के कारण कुछ घंटों बाद कुत्ते ने दम तोड़ दिया।