यूपी बोर्ड की परीक्षा में शामिल होने के लिए प्रवेश पत्र न मिलने के कारण जेठवारा, प्रतापगढ़ में 12वीं के छात्र शिवम सिंह ने रविवार शाम फंदे पर लटककर जान दे दी। यूपी बोर्ड के सचिव भगवती के निर्देश पर जिला विद्यालय निरीक्षक ने मामले की जांच की, जिसमें साध्वी शिरोमणि इंटर कॉलेज धनसारी जेठवारा के प्रबंधक ऋषभ त्रिपाठी व प्रधानाचार्य कृष्णमूर्ति त्रिपाठी को प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है।
छात्र शिवम के पिता की तहरीर पर प्रबंधक व प्रधानाचार्य के खिलाफ जेठवारा थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। मामले में यूपी बोर्ड ने स्कूल की मान्यता वापस (प्रत्याहरित) लेने का फैसला भी किया है।जिला विद्यालय निरीक्षक ओमकार राणा ने अपनी जांच में स्कूल प्रबंधक व प्रधानाचार्य को प्रवेश पत्र न देने का दोषी माना है।
डीआईओएस की ओर से दो सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया था। समिति की रिपोर्ट के अनुसार, स्कूल के प्रधानाचार्य कृष्णमूर्ति त्रिपाठी व कक्षाध्यापक सुनील यादव ने यह माना है कि मृतक छात्र शिवम सिंह की 5600 रुपये फीस बकाया थी।
दोनों का कहना है कि रविवार को अपराह्न 2:30 बजे प्रवेश पत्र लेने के लिए स्कूल पहुंचे शिवम सिंह को बकाया फीस के बारे में बताया गया तो उसने कहा कि फीस लेकर आता हूं, इसके बाद प्रवेश पत्र ले जाऊंगा। दूसरी ओर, शिवम के पिता राजेंद्र सिंह ने प्रभारी निरीक्षक थाना जेठवारा को दी तहरीर में लिखा है कि वह आर्थिक रूप से कमजोर हैं।
‘पहले पूरी फीस जमा करो, तब मिलेगा प्रवेश पत्र’ : उनका बेटा प्रवेश पत्र लेने स्कूल गया था लेकिन प्रबंधक व प्रधानाचार्य चार दिनों से उसको प्रवेश पत्र नहीं दे रहे थे। शिवम को बार-बार यह कहकर वापस कर दिया जा रहा था कि पहले पूरी फीस जमा करो, तब प्रवेश पत्र दिया जाएगा। प्रवेशपत्र न मिलने से आहत शिवम ने रविवार रात आठ बजे घर के पीछे आम के पेड़ पर फांसी लगा ली।
रिपोर्ट में डीआईओएस ने स्कूल की मान्यता लेने की संस्तुति की
वहीं, डीआईओएस ने केंद्र व्यवस्थापक कृष्णमूर्ति त्रिपाठी को हटाकर उनके स्थान पर राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शीतलपट्टी प्रतापगढ़ के प्रधानाध्यापक उमेश कुमार को केंद्र व्यवस्थापक नियुक्त किया है। सचिव को भेजी रिपोर्ट में डीआईओएस ने स्कूल की मान्यता लेने की संस्तुति की है। डीएम शिव सहाय अवस्थी ने कहा कि जांच पूरी होने के बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।