*जन चर्चा की माने तो-*
*मुंगेरी लाल के हसीन सपने हुए दौड़ में शामिल*
नीमच।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के नीमच दौरे से पूर्व शहर में छिड़ा होर्डिंग वार सभी सीमाएं पार कर ऐसी दौड़ लगा रहा है कि अपनी उम्मीदवारी को इन पोस्टर, बेनर, होर्डिंग से तोलकर कमलनाथ को प्रभावित करने में लगा है। तो क्या प्रदेश व देश में अपनी साख अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार कर गंवा रही कांग्रेस के ये नेता अपने समर्थन के लिये संगठन के चाबुक से संचालित होने की बजाय ‘दिखावे की होड़ में लगे होकर जनता के दुख दर्द में सहभागी बन अपने जन समर्थन को मजबूत करने के दायित्व से मुंह
फेरकर चुनाव के दौरान बरसाती मेंढक की तरह फुदक रहे हैं। इस पर जिला, प्रदेश संगठन और राष्ट्रीय संगठन के आकाओं को विचार करने के बाद उम्मीदवार चयन को ध्यान में रखना ही जनहित व कांग्रेस की कुंडली को संपन्न बन सकता है। अन्यथा अगर पोस्टर, बेनर का दिखावा ही मापदंड रहा तो जनमत भी शायद उन्हें नकारने परहेज नही करेगा । कमलनाथ की जनसभा के एक तरफ जिस तरह एक उम्मीदवारी की चाहत रखने वाले नेता ने समूचे सभा स्थल की एक साईड अपने पोस्टर से पाट दी है तो नीमच भातखेड़ा रोड को भी नहीं छोड़ा है। जबकि पांच सालों मे कभी जनता के बीच उनका दुख-दर्द जानने कांग्रेस का झंडा उठाकर खड़े रहने का कष्ट तक नहीं उठाया और न ही कभी संगठन के समर्थन की बढ़ोतरी में अपना योगदान देने का दायित्व निभाया । लेकिन अब अपने धन-बल के दम पर यह टिकीट की दौड़ में अग्रणी बनने का नजारा पेश कर दिया है है। अगर जनता की माने तो इनका खुद का ऐसा कोई जनसमर्थन या पहचान इसके पास नहीं है जो इनकी उम्मीदवारी व जीत का कारण बन सके। इनके बेनर के अनुसार ये अपने आका के के दम पर उम्मीदवारी को जरूर थाली में परोसी हुई मान रहे हैं।