मध्य प्रदेश कांग्रेस को लगा झटका, सुरेश पचौरी सहित दिग्गजों ने कांग्रेस का पल्ला झटका, मोदी परिवार में हुए शामिल

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भोपाल।

राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की मध्यप्रदेश से विदाई के बाद आज शनिवार को कांग्रेस के नेताओं ने कांग्रेस को बाय-बाय कर कांग्रेस के लिए एक बार फिर चिंता की रेखाएं बढ़ाते हुए उसके आगम में सफ़र को झटका दिया है। क्योंकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी के साथ ही प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष और धार के पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजू खेड़ी, पिछली विधानसभा में इंदौर से कांग्रेस के इकलौते विधायक रहे संजय शुक्ला, पूर्व विधायक विशाल पटेल, अर्जुन पलिया, सतपाल पलिया और भोपाल जिला कांग्रेस अध्यक्ष कैलाश मिश्रा ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के समक्ष इन कांग्रेस नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय में भाजपा का दामन थामा। इस अवसर पर कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि इंदौर से भी बड़ा अपडेट सामने आने वाला है जिसमें अन्य कांग्रेस नेता भी भाजपा का परिवार बनेंगे। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि आगे-आगे राहुल गांधी जा रहे हैं और पीछे – पिछे कांग्रेस का सफाया हो रहा है।
इंदौर- 1 के पूर्व विधायक संजय शुक्ला को भाजपा का दुपट्टा पहनाते समय मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मजाकिया अंदाज में कहा- साले, तेरी गाली सुनी और अब तेरे को लेना पड़ रहा है। यह सुनकर संजय जोर से हंस दिए। साथ में कैलाश ने भी ठहाका लगाया। उनके इस मजाक का वीडियो भी सामने आया है। भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने वाले
सुरेश पचौरी ने कहा कि कैलाश विजयवर्गीय से हमें मंत्र सीखना है कि चुनाव लड़ें तो जीता कैसे जाता है। मेरा ध्येय समाज सेवा और राष्ट्र सेवा का था। कांग्रेस में एक नारा लगा था, न जात का न पात का, लेकिन कांग्रेस ने ये नारा दरकिनार कर दिया है। आज जाति की बात हो रही है। इससे जातीय संघर्ष बढ़ रहा है। पिछले दिनों में जो राजनीतिक और धार्मिक निर्णय हो रहे हैं, वो सुकून नहीं कष्ट ही दे रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आजादी के बाद गांधी जी ने कहा था कि कांग्रेस आजादी का आंदोलन था, कांग्रेस भंग कर देनी चाहिए, लेकिन पं. जवाहर लाल नेहरू ने कांग्रेस को भंग नहीं होने दिया। उन्होंने राजनीतिक लाभ उठाया। राहुल गांधी अब गांधी जी इच्छा पूरी करेंगे। राहुल कांग्रेस का सफाया करने के लिए निकले हैं।

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