नपा के विशेष सम्मेलन में बरपा हंगामा  मोदी – मोदी” और “छूट नहीं ये लूट है” के लगे नारे

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नीमच। AP NEWS EXPRESS 
आज 31 अक्टूबर को आयोजित नगर पालिका परिषद का विशेष सम्मेलन हंगामे और नारों की भेंट चढ़ गया। बैठक की शुरुआत के बाद माहौल “मोदी-मोदी” और “छूट नहीं ये लूट है, वोट चोर गद्दी छोड़”  नारों के साथ-साथ हंगामे में बदल गया।
जब भाजपा पार्षदों ने केंद्र सरकार के समर्थन में  नारे लगाए तो कांग्रेस पार्षदों ने  पलटवार कर नारेबाजी शुरू कर दी।  जब  नेता प्रतिपक्ष पार्षद योगेश प्रजापति को बोलने के लिए माइक नहीं दिया गया तो योगेश प्रजापति और नगर पालिका सीएमओ दुर्गा बामनिया के बीच  बहस हो गई।ऐसे में  नेता प्रतिपक्ष कुछ देर बाद अपना निजी माइक और लाउडस्पीकर लेकर परिषद हाल में पहुंचे और उस पर बोलना शुरू कर दिया।  जिसकी वजह से परिषद हाल में भाजपा और कांग्रेस पार्षद आमने-सामने हो गए। दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप और नारेबाजी के साथ जोरदार हंगामा हुआ। जबकि नगर पालिका अध्यक्ष स्वाति चोपड़ा बार-बार कहती रही कि  परिषद की गरिमा बनाए रखें और शांत रहकर प्रक्रिया पूरी होने दें। लेकिन जब उनकी अपील  के अनसुनी कु गई तो उन्हें सम्मेलन  पाँच मिनट के लिए रोकना पड़ा।  इस विशेष सम्मेलन में  परिषद के समक्ष चार प्रस्ताव रखे गए। पहला प्रस्ताव केंद्र सरकार के “नेक्स्ट जेन जीएसटी रिफॉर्म्स” के समर्थन में था, जिस पर कांग्रेस पार्षदों ने कड़ा विरोध दर्ज कराया। उनका कहना था कि यह आम जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ाने वाला कदम है। लेकिन यह प्रस्ताव भाजपा पार्षदों के बहुमत की वजह से  पारित हो गया।दूसरा प्रस्ताव “आत्मनिर्भर भारत संकल्प में स्वदेशी की भूमिका”  था। इस प्रस्ताव पर कांग्रेस पार्षदों का कहना था कि जो लोग यह प्रस्ताव लाए हैं, पहले वे स्वयं स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग पर अमल करें । यह प्रस्ताव भी भाजपा के बहुमत ने प्रस्ताव पारित कर दिया ।तीसरा प्रस्ताव शनि मंदिर चौराहे से कारगिल चौराहे तक स्मार्ट पोल एवं स्ट्रीट लाइट कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति से संबंधित था, जो सर्वसम्मति से पारित हुआ। चौथा प्रस्ताव नगर पालिका क्षेत्र में विभिन्न योजनाओं के कंसल्टेंसी कार्य हेतु न्यूनतम दर (लागत का 1%) डोसी कंसल्टेंट प्रा.लि. व एमएसपी इंटरनेशनल आईएमसी को स्वीकृति देने से संबंधित था। इस प्रस्ताव पर भाजपा व कांग्रेस दोनों दलों के पार्षदों ने आपत्ति जताते हुए कंसल्टेंसी के नाम स्पष्ट करने की मांग की। लेकिन  मौजूद 23 में से 14 पार्षदों के  पक्ष में समर्थन की वजह से यह प्रस्ताव भी पास हो गया।
नेता प्रतिपक्ष योगेश प्रजापति ने आरोप लगाते हुए कहा कि परिषद के सम्मेलन में अध्यक्ष और सीएमओ मनमानी पूर्वक हमारी आवाज  दबाने की कोशिश होती है । जबकि भाजपा पार्षदों ने कांग्रेस पार्षदों पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे  राजनीति करते  है और विकास के मुद्दों को लेकर अवरोध पैदा करते हैं। 

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