
कांग्रेस नेता समंदर पटेल ग्रामीणों के बीच पहुंचकर उनकी समस्याओं से रूबरू हो रहे हैं। इस दौरान किसानों की सबसे बड़ी पीड़ा फसल नुकसान के रूप में सामने आई है। पटेल ग्राम कलेपुर, समेल और गोठड़ा पहुंचे जहां किसानों ने पटेल का स्वागत कर उन्हें अपनी पीड़ा बताई । पटेल रास्ते में कुछ खेतों पर भी रुके और किसानों से फसल नुकसान पर चर्चा की। गांवों में किसानों के साथ जाजम पर बैठकर उनकी समस्याओं को जाना। किसानों का कहना था कि फसली बीमा करवा लिया गया लेकिन नुकसान का सर्वे नहीं हो पाया। पटेल ने आरोप लगाया कि शिवराज सरकार ने अपने आका के मित्रों की बीमा कंपनियों के दबाव में किसानों से बीमा करवा लिया लेकिन जब अल्प वर्षा के कारण फसलें खराब हो गई तो पटवारी हड़ताल को लंबा खिंचवाकर नुकसान का सर्वे नहीं करवाया। न तो सरकार ने बीमा राशि दिलवाई और न ही किसी प्रकार की आर्थिक सहायता प्रदान की। नतीजतन, किसान रबी की फसल के लिए मार्केट से ऊंची ब्याज दर पर कर्ज लेने को मजबूर है । बारिश नहीं होने के कारण अगली फसल का भी कोई भरोसा नहीं है। शिवराज सरकार चाहती तो हड़ताल खत्म होने के तुरंत बाद नुकसान का सर्वे करवाकर किसानों को बीमा राशि के साथ आर्थिक सहायता प्रदान कर सकती थी ।
लेकिन आकाओं के दबाव में सर्वे नहीं करवाया क्योंकि उनकी कंपनियों को सीधा नुकसान हो रहा था l किसानों के साथ सरकार ने धोखाधड़ी है। इसका चुनाव में भाजपा को खामियाजा भुगतना पड़ेगा।