उज्जैन: मुखिया डॉ. मोहन यादव खुद संभालेंगे सिंहस्थ की तैयारियां प्रदेश के लिए एक कैबिनेट कमेटी बनाई जाएगी। इन तैयारियों के बीच नमामी क्षिप्रा प्रोजेक्ट भी जल्दी ही शुरू किया जाएगा। सिंहस्थ का आयोजन वर्ष 2028 में होना है। इसके लिए तैयारियों का दौर अभी से शुरू हो गया है। सिंहस्थ तैयारियों के लिए एक कैबिनेट कमेटी गठित की जाएगी। इसकी अध्यक्षता खुद सीएम डॉ. मोहन यादव करेंगे। चूंकि, डॉ. मोहन उज्जैन से ही हैं, इस वजह से महाकाल लोक से लेकर सिंहस्थ कामों तक में उनकी गहरी रुचि और अहम भूमिका रही है। इसी के चलते उन्होंने इन सारी व्यवस्थाओं को अपने हाथों में रखने का निर्णय लिया है।
अधिकारियों से चर्चा : जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सिंहस्थ 2028 के संबंध में बुधवार को अधिकारियों से चर्चा की है। इस दौरान सिंहस्थ निगरानी कमेटी में शामिल किए जाने वाले कैबिनेट सदस्यों के नामों पर भी विचार किया गया है। तय किया गया है कि जुलाई माह में आने वाले मोहन सरकार के पहले बजट में अगले तीन साल में पूरे होने वाले कामों को शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना नदी जोड़ो की कड़ी में नमामी क्षिप्रा योजना को भी शुरू करने की तैयारी की जा रही है।
उमा और शिवराज भी करा चुके सिंहस्थ वर्ष 2003 में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी थी। इसकी अगुआ साध्वी उमा भारती थीं। उनके मुख्यमंत्री बनने के अगले वर्ष 2004 में सिंहस्थ का आयोजन हुआ था। इसकी तैयारियों को लेकर साध्वी ने बड़ी तन्मयता दिखाई थी। इसके बाद वर्ष 2016 के सिंहस्थ के दौरान प्रदेश की सत्ता पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के हाथों में थी। अब 2028 में इन सारे इंतजाम पर डॉ. मोहन यादव की निगरानी रहेगी।
धर्मस्व विभाग उज्जैन में धार्मिक आयोजन, गतिविधियों, योजनाओं और सुविधाओं के लिए प्रदेश सरकार का धर्मस्व विभाग संचालित होता है। डॉ. मोहन यादव के हाथों में प्रदेश की बागडोर आने के बाद उन्होंने इस विभाग को उज्जैन में ट्रांसफर कर दिया है। सिंहस्थ की तैयारियों और महाकाल लोक के बाकी चरणों के कामों को पूरा करने के लिहाज से किए गए इस बदलाव के बाद धर्मस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों का मुख्यालय भोपाल के बजाय उज्जैन ही कर दिया गया