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उत्तर प्रदेश के संभल जिले में इनकम टैक्स की टीम ने मीट कारोबारियों के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की है। सोमवार सुबह चार आयकर विभाग की टीमें पहुंची । 70 से ज्यादा कारों में सवार होकर 100 से ज्यादा अधिकारी व कर्मचारी इस रेड के लिए पहुंचे। देर रात तक टीमें दस्तावेजों की छानबीन करने में जुटी हुई थीं। जिले में इसे अब तक की सबसे बड़ी रेड माना जा रहा है।
Income Tax raids on meat traders’ premises in Sambhal
मीट कारोबारी इमरान और इरफान के मकान, फैक्टरी व अन्य प्रतिष्ठानों पर छापा मारने के लिए सोमवार सुबह चार आयकर विभाग की टीम पहुंच गई। टीम में शामिल सौ से अधिक अधिकारी व कर्मचारी शामिल रहे। मकान और अन्य प्रतिष्ठानों के दरवाजे भीतर से बंद कर देर रात तक टीमें अंदर दस्तावेजों की छानबीन करने में जुटी हुई थीं। अंदर मौजूद लोगों को भी बाहर निकलने नहीं दिया गया। जिले में इसे अब तक की सबसे बड़ी रेड माना जा रहा है।
इमरान और इरफान ने 20 वर्ष पहले मीट फैक्टरी शुरू की थी। इस फैक्टरी से पहले हड्डी का कारोबार करते थे। वर्तमान में संभल में फैक्टरी के अलावा हापुड़, बरेली और कैराना की मीट फैक्टरी भी इन दोनों भाइयों के द्वारा ही संचालित कराई जा रही हैं। इस समय कई सौ करोड़ रुपये का कारोबार यह मीट कारोबारी करते हैं। आयकर की टीम ने सुबह चार बजे से यह कार्रवाई शुरू की है। देर रात तक टीमें छानबीन करती रहीं।
चमन सराय में रिश्तेदार के घर पर छानबीन की जा रही है। इसी तरह चमन सराय में कर्मचारी के घर पर छानबीन चल रही है। मीट कारोबारी के घर पर 40 से ज्यादा अधिकारी व कर्मचारी छानबीन करने में लगे हैं। जबकि मीट फैक्टरी में भी 40 से ज्यादा अधिकारी व कर्मचारियों को प्रवेश करते हुए लोगों ने देखा था। लेकिन टीम ने अभी उसको लेकर स्पष्ट नहीं किया है।
जिले में आयकर की रेड पहले भी कई कारोबारियों के ठिकानों पर हुई हैं लेकिन मीट कारोबारी के ठिकानों पर हुई रेड सबसे बड़ी है। 70 से ज्यादा कारों में सवार होकर 100 से ज्यादा अधिकारी व कर्मचारी इस रेड में शामिल हैं। यूपी के कई जिलों के अधिकारियों के साथ दिल्ली के भी अधिकारी शामिल होने की जानकारी है। पहली टीम मीट फैक्टरी पहुंची और दूसरी टीम ने मीट कारोबारियों के घर में प्रवेश किया। इसके बाद रिश्तेदार और मैनेजर के घर टीमें पहुंची।
फैक्टरी से मीट की सप्लाई खुदरा दुकानों के लिए भी की जाती है। मीट फैक्टरी मालिकों ने इसके लिए ठेका दिया हुआ है। यह ठेकेदार ही अपने बिल पर सप्लाई देते हैं। ठेकेदारों को मीट फैक्टरी से एक बिल जारी किया जाता है। आयकर की टीम ने इन ठेकेदारों को भी छानबीन में शामिल किया है। ताकि आय की जानकारी स्पष्ट हो सके। निर्यात बड़े स्तर पर होता है मीट की सप्लाई संभल के साथ मुरादाबाद, बदायूं अमरोहा और दूसरे जिले में भी की जाती है।

