प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का प्रधानमंत्री मोदी ने किया शुभारम्‍भ  

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धार । (अनिता मुकाती )
 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर, पूसा, नई, दिल्ली से ‘‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’’, ‘‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’’ का शुभारंभ एवं कृषि अवसंरचना कोष, पशुपालन, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की 1100 से अधिक परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया । कार्यक्रम का सीधा प्रसारण कृषि विज्ञान केन्द्र, धार में किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि    केन्द्रीय, राज्य मंत्री, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार श्रीमती सावित्री ठाकुर जी। विशिष्ट अतिथि  नीलेश भारती थे। इस दौरान जिले के लगभग 350 से अधिक कृषक एवं अधिकारी गण उपस्थित थे । 
      कार्यक्रम में कृषि विशेषज्ञों द्वारा किसानों को नवीनतम कृषि तकनीकों, बागवानी, मृदा विज्ञान और जलवायु-संवेदनशील, प्राकृतिक खेती, जैविक खेती, उद्यानिकी फसलों में प्रवर्धन आदि विषयों संबंधी जानकारी दी गई। 
  राज्य मंत्री  श्रीमती ठाकुर ने कहा कि 11 विभागों की 36 विभिन्न योजनाओं को मिलाकर केन्द्र सरकार द्वारा किसानों के समग्र विकास एवं कल्याण हेतु आज प्रधानमंत्री द्वारा ‘‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’’ का शुभारंभ किया गया। यह योजना न केवल किसानों के लिए आर्थिक सहायता का माध्यम है, बल्कि किसानों के प्रति  प्रधानमंत्री  के  समर्पण और उनकी कल्याणकारी नीतियों का प्रमाण भी है। श्रीमती  ठाकुर ने योजना को किसानो के लिए खुश खबर बताते हुए अपील कर कहा कि ,किसान भाई अधिक से अधिक योजना से जुड़े एवं इसका लाभ ले ,दलहन का रकबा बढ़ाते हुए कृषि में आत्मनिर्भरता का संकल्प लें। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि भावान्तर भुगतान योजना में अधिक से अधिक पंजीयन कराएं । श्री  भारती ने किसानों को संबोधित करते हुए कृषकों को नवीनतम कृषि तकनीकों को अपनाने एवं सरकारी योजनाओं का उचित लाभ लेने बात कही।  कृषि विज्ञान केन्द्र, धार के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, डाॅ. एस.एस. चैहान ने  स्वागत भाषण में कहा कि  राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर, पूसा, नई, दिल्ली से  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ‘‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’’ के साथ-साथ ‘‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’’ का भी शुभारंभ किया जा रहा है। जिसके माध्यम से देश को दलहन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाते हुए पोषण सुरक्षा सुनिश्चित की जायेगी। साथ ही तकनीकी सत्र में कृषकों से रबी फसल की तैयारियों एवं प्रबंधन पर विस्तृत चर्चा कर सुझाव दिये। जिले के उपसंचालक कृषि,  जी.एस. मोहनिया ने कहा कि जिले में पैदावर बढ़ाने के उद्देश्य के अतिरिक्त गुणवत्ता युक्त पैदावार बढ़ाने पर भी कार्य करना आवश्यक है।  जहरीले रसायन का उपयोग कम कर जैविक एवं प्राकृतिक कृषि की ओर अग्रसर होना वर्तमान की नितांत आवश्यकता है। केन्द्र की वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी डाॅ. अंकिता पाण्डेय ने किसानों को योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए योजना की प्रासंगिकता के बारे में बताया एवं तकनीकी सत्र में कृषकों को अपनी आय में वृद्धि हेतु परंपरागत कृषि के साथ अतिरिक्त आय हेतु मशरूम उत्पादन की उन्नत तकनीकी की जानकारी देते हुए उन्हें मशरूम के उत्पादन हेतु प्रोत्साहित किया। 
केन्द्र के तकनीकी अधिकारी, उद्यानिकी, डाॅ. डी.एस. मण्डलोई द्वारा आगामी रबी फसलों में प्रबंधन एवं मसाला फसलों प्याज, लहसुन एवं अगेती मटर की बोबनी एवं समसामायिक प्रबंधन के बारे में विस्तृत व्याख्यान दिया साथ फसल विविधिकरण एवं जैविक व बायोडायनिमिक उवर्रक पर तकनीकी जानकारी प्रदान की। 
कार्यक्रम में श्रीमती संगीता तोमर सहायक संचालक कृषि,  बी.के.खंडवाये अनुविभागीय कृषि अधिकारी,वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी ,कृषि विस्तार अधिकारी, उद्यानिकी विभाग से  नटराज सिंह डाबर, कृभको से  विनोद धाकड़, जितेन्द्र नायक,  जीवन निगवाल, कृषक  कमल पाटीदार,  जिले के  कृषि से संबंधित विभागों ,एन.जी.ओ. एवं एफ.पी.ओ. आदि  प्रतिनिधि उपस्थित थे । 
जिले में ग्राम पंचायत ,कृषि उपज मंडियों  एवं विकासखंड स्तर पर आयोजित कार्यक्रमों के माध्यम से लगभग 13 हजार से भी अधिक किसानों ने   प्रधानमंत्री के लाइव प्रसारण   को देखा एवं सुना।

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