इंदौर । Indore.
इस नवदुर्गा उत्सव पांडाल में 25 हजार वर्गफीट में एक यज्ञ शाला है। जहां हर दिन हजारों परिवार हवन कर आहुतियां दे रहे है। इस परिसर में बाल क्रीड़ा उद्यान से लेकर संत निवास, खोया-पाया वस्तु केंद्र, पुलिस सहायता केंद्र, प्रसादम केंद्र तक तैयार किए गए हैं।
Indore: Crowds throng the state’s biggest Navdurga festival, with urns being consecrated with one crore mantra
इंदौर के पश्चिमी क्षेत्र में प्रदेश का सबसे बड़ा नवदुर्गा उत्सव मनाया जा रहा है। 25 एकड़ में फैले परिसर में 12 ज्योर्तिलिंगों की प्रतिकृतियों के अलावा 11 हजार कलशों को एक करोड़ मंत्र और आहुतियों से सिद्ध किया जा रहा है। इस पांडाल को देखने हर दिन हजारों लोग उमड़ रहे है।
470 फुट बाय 65 फुट के प्रवेश द्वार के ठीक सामने कलश की विशाल प्रतिकृति रखी गई है। दूसरी तरफ 30 फुट की देवी अहिल्याबाई होलकर की प्रतिमा और राजबाड़ा की प्रतिकृति के साथ खजराना गणेश मंदिर की प्रतिकृति भी बनाई गई है। कृष्णगिरी पीठाधीश्वर आचार्य वसंत विजयानंद गिरि महाराज ने इंदौर को इस आयोजन के लिए चुना है। उनका कहना है कि इंदौर उत्सव प्रेमी शहर है। असली आनंद आध्यात्मिक होता है, इसलिए इंदौर में सबसे बड़ा नवदुर्गा उत्सव बनाने का फैसला लिया गया।
25 एकड़ भूमि पर बने इस परिसर को चार राज्यों के डेढ़ सौ से ज्यादा कलाकारों ने बनाया है। रात के समय यह परिसर रोशनी के कारण अत्यंत आकर्षक दिखता है। बारिश से बचने के लिए पांडाल को वाॅटर प्रुफ बनाया गया है।
पांडाल में 25 हजार वर्गफीट में एक यज्ञ शाला है। जहां हर दिन हजारों परिवार हवन कर आहुतियां दे रहे है। इस परिसर में बाल क्रीड़ा उद्यान से लेकर संत निवास, मुख्य अतिथि विश्राम स्थल, खोया-पाया वस्तु केंद्र, पुलिस सहायता केंद्र, शिशु पालन केंद्र से लेकर पुरुष और महिला प्रसादम केंद्र तक तैयार किए गए हैं। हर दिन शाम 7 से रात 10 बजे तक देवी भागवत कथा भी हो रही है। रोज शाम को परिसर लोगों से भर जाता है। सभी के प्रसाद की व्यवस्था की गई है।

