वन विभाग की कार्यवाही : गोह अंगों की तस्करी में लिप्त तीन आरोपी गिरफ्तार

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नीमच। (सुभाष व्यास)
भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के के अंतर्गत कार्यवाही करते हुए मुख्य वन संरक्षक (उज्जैन वृत)मस्तराम बघेल, संजय राय खेरे वन मंडलाधिकारी मन्दसौर के मार्गदर्शन तथा श्रीमती सरोज रोप उप वन मंडलाधिकारी गरोठ के निर्देशन में वन परिक्षेत्र भानपुरा में वन्य जीवों के अवैध व्यापार के खिलाफ की गई कार्यवाही में वन विभाग ने गोह का शरीर अंग जिसे “हत्था जोड़ी” कहा जाता है की तस्करी में लिप्त तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया ।
मंदसौर वन मंडलाधिकारी संजय रायखरे ने बताया कि वन विभाग को मुखबिर से सूचना मिली थी कि कुछ लोग मॉनिटर लिजार्ड( गोह) के शरीर के हिस्से “हत्था जोड़ी” बेचने की फिराक में हैं। सूचना पर कार्यवाही करते हुए वन अमले ने विभाग के एक कर्मचारी को ग्राहक बनाकर संदिग्धों से मिलने भेजा। पूर्व नियोजित आरोपियों को धर दबोचने की अपनी योजना के अनुसार वन अमले ने दो संदिग्धों को मौके पर ही हिरासत में ले लिया। संदिग्धों की तलाशी लेने पर उनके पास से 42 नग हत्था जोडी, एक चाकू और कुछ नकदी बरामद हुई। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान विजय पिता रमेश निवासी ग्राम तोरनिया नाहरगढ़ तहसील भानपुरा जिला मंदसौर एवं समरथ नाथ पिता सिंघा नाथ ग्राम हनुमंतिया, कुकडेश्वर तहसील, मनासा जिला नीमच के रूप में हुई है। प्रारंभिक पूछताछ के बाद, इस मामले से जुड़े एक और संदिग्ध करण उर्फ धर्मा हरिजन निवासी कुकडेश्वर तहसील, मनासा जिला नीमच को भी हिरासत में लिया गया है।
वनमण्डलाधिकारी रायखरे ने बताया की तस्करों द्वारा गोह के इन अंगों को तंत्र-मंत्र,टोने टोटके के नाम पर सिन्दूर लगाकर बेचा जाता है,जो जघन्य अपराध की श्रेणी में आता है। गोह (Monitor Lizard) को भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची 1 के तहत् संरक्षित किया गया है और लुप्तप्राय प्रजातियो में अंतराष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) के परिशिष्ट 1 में सूचीबद्ध किया गया है जो जानवर या उसके शरीर के अंगो के आयात या निर्यात को प्रतिबंधित करता है। आरोपियों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कर आवश्यक कानूनी कार्यवाही जारी हैं।

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