बाबा बर्फानी के दर्शन को दो दिन शेष:  एलजी और सीएम ने संभाली कमान 

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श्रीनगर 
अमरनाथ यात्रा की तैयारियां अंतिम चरण में हैं, सुरक्षा से लेकर सुविधाओं तक की निगरानी एलजी और सीएम खुद कर रहे हैं। तीर्थयात्रा 3 जुलाई से शुरू होगी, दोनों मार्गों पर साफ-सफाई, लंगर, मेडिकल कैंप और ऑक्सीजन बूथ की व्यवस्था पूरी कर ली गई है।
बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए महज दो दिन और शेष हैं। श्रद्धालुओं को पवित्र गुफा तक पहुंचाने और बाबा अमरनाथ के सुगम दर्शन कराने के लिए उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री ने पूरी ताकत झोंक दी है। दोनों यात्रा मार्ग पहलगाम और बालटाल पर तीर्थ यात्रियों को कोई दिक्कत न हो, इसके लिए सुरक्षा एवं सुविधाओं का जायजा लेने के लिए रोजाना मंत्री और अधिकारी पहुंच रहे हैं।
व्यवस्था में रत्ती भर भी कमी न रह जाए इस पर नजर रखी जा रही है। सुरक्षा की दृष्टि से पहली बार एहतियातन हेलिकाप्टर सेवा बंद कर दी गई है।अमरनाथ यात्रा तीन जुलाई से शुरू हो रही है जो रक्षाबंधन के दिन नौ अगस्त को समाप्त होगी। एलजी मनोज सिन्हा पिछले एक सप्ताह में तीन बार पहलगाम और बालटाल रूट पर पड़ने वाले बेस कैंपों का खुद मौके पर निरीक्षण कर चुके हैं। अभी रविवार को ही उन्होंने दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग में नुनवन और चंदनबाड़ी बेस कैंप का दौरा किया था।
 मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला तीर्थयात्रा की शुरुआत होने तक श्रीनगर में जमे हुए हैं। उनके निर्देश पर रोजाना प्रदेश सरकार का कोई न कोई मंत्री और प्रमुख शीर्ष अधिकारी दोनों मार्गों पर सुविधाओं का जायजा लेने पहुंच रहे हैं। रविवार को जल शक्ति, वन, पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण और जनजातीय मंत्री जावेद अहमद राणा और स्वास्थ्य निदेशक जहांगीर पहुंचे थे। दोनों लोगों ने बारी-बारी से एक-एक सुविधा की बारीकी से निगरानी की। सुनिश्चित किया कि बाबा बर्फानी के भक्तों की सुविधा में कहीं कोई कसर न रह जाए।
पहलगाम हमले के बाद केंद्र सरकार सतर्क
थल सेनाध्यक्ष कर चुके हैं सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा हाल में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के मद्देनजर बाबा बर्फानी के दर्शन को पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार भी काफी सतर्क है। इसीलिए थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी यात्रा से संबंधित सुरक्षा संबंधी तैयारियों की समीक्षा करने 21 जून को कश्मीर पहुंचे थे। सुरक्षा व्यवस्था के साथ ही उन्होंने यात्रा से जुड़ी तैयारियों का पूरा जायजा लिया।
इस दौरान किसी दैवीय आपदा से श्रद्धालुओं को बचाने के लिए जम्मू-कश्मीर आपदा प्रबंधन विभाग ने पहलगाम में एक मॉक ड्रिल का भी आयोजन किया था। इस अभ्यास में ग्लेशियर फटने से आने वाली बाढ़ (जीएलओएफ) जैसी आपदा से बचने का तरीका दिखाया गया था।
गुफा तक मार्ग हुआ दुरुस्त, लग गए लंगर
दोनों मार्ग पहलगाम और बालटाल से पवित्र गुफा तक मार्ग की मरम्मत व रेलिंग लगाने का काम पूर्ण हो चुका है। यात्रियों के लिए पानी, बिजली, शौचालय, स्नानघर से लेकर स्वास्थ्य सुविधा के पर्याप्त प्रबंध किए गए हैं। दोनों मार्गों के बीच में पड़ने वाले बेस कैंप पर लंगर लग गए हैं।
बालटाल और नुनवन में टेंट लगाए गए हैं। यात्रियों के लिए बालटाल मार्ग पर 16 व पहलगाम रूट पर 10 आक्सीजन बूथ स्थापित किए गए हैं। पचास मेडिकल स्टेशन बनाए गए है जिसमें बेस अस्पताल व अन्य चिकित्सा कैंप भी शामिल हैं। बेस कैंप और आसपास के इलाकों में साफ-सफाई के लिए सफाई कर्मियों की फौज तैनात की गई है। दोनों मार्गों पर शिविरों में कैंप निदेशकों व अतिरिक्त कैंप निदेशकों ने जिम्मेदारी संभाल ली  है ।

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