धार्मिक और ऐतिहासिक नगर उज्जैन की बेटी नव्या तिवारी ने इतिहास रच दिया है। मात्र 18 साल की उम्र में नव्या ने नेशनल डिफेंस एकेडमी ‘एनडीए’ की परीक्षा में पहले प्रयास में ही सफलता हासिल कर ली। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद वे भारतीय वायुसेना की फ्लाइंग ऑफिसर बनेंगी। वह मध्य प्रदेश की पहली लड़की हैं, जिसे एनडीए में स्थान मिला है।
उज्जैन की नव्या की इस सफलता पर आज पूरे प्रदेश का सिर गर्व से ऊंचा हो गया है। नव्या ने बताया कि एनडीए के जरिए सेना में महिलाओं की भर्ती कुछ साल पहले शुरू की गई थी। इससे पहले एनडीए में लड़कियों के प्रवेश को लेकर नियम नहीं थे। इस बार पहली बैच पासआउट हुई है, जिसमें नव्या एमपी से एकलौती लड़की है जिसका चयन हुआ है। नव्या ने बताया कि देशभर से इस परीक्षा में करीब 4 लाख प्रतिभागी शामिल हुए थे। इसमें से सिर्फ 8000 ने लिखित परीक्षा पास की थी। इसमें वह भी शामिल थी। लिखित परीक्षा पास कर नव्या पांच दिन के इंटरव्यू राउंड के लिए बनारस पहुंची थी, जहां उसका सिलेक्शन हुआ। नव्या ने बताया कि पूरे एमपी से सिर्फ वही एनडीए में चुनी गई है।
व्योमिका और सोफिया कुरैशी हैं आदर्श : नव्या ने बताया कि इंटरव्यू और मेडिकल क्लीयर करने के बाद मेरिट लिस्ट में उसकी रैंक 260 और गर्ल्स कैटेगरी में 27 वीं रैंक थी। नव्या अब ट्रेनिंग के लिए पुणे के खड़कवासला स्थित एनडीए एकेडमी में प्रवेश करेंगी। ट्रेनिंग पूरी करने के बाद नव्या हैदराबाद एयरफोर्स एकेडमी से फ्लाइंग ऑफिसर बनकर देश की सेवा में कार्यरत रहेंगी। नव्या ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में फ्लाइट लेफ्टिनेंट व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी को देखकर वह प्रेरित होती रही है। ये उसके आदर्श हैं। वह उनके जैसा बनकर देश को लिए गौरव बनना चाहती हैं।
पिता का सपना, बेटी की प्रेरणा बनी : नव्या बताती हैं कि उनके पिता नवलेश तिवारी भी एक समय एनडीए में जाना चाहते थे, लेकिन किसी कारणवश उन्हें सफलता नहीं मिल पाई। जब नव्या आठवीं कक्षा में थीं, तब उन्होंने यह सपना अपने लिए चुन लिया। जैसे ही सुप्रीम कोर्ट ने एनडीए में लड़कियों को प्रवेश की अनुमति दी, नव्या ने पिता के अधूरे सपने को अपना मिशन बना लिया था और अब कामयाबी हासिल की।