NEEMUCH NEWS : जब तक नही मिलता न्याय, उबलती रहेगी चाय ,खुद पहन ली हथकड़ी,

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नीमच : ( जया सेन ) जिले से करीब 22 किमी दूर अठाना क्षेत्र के रहने वाले केके धाकड़ का विवाह राजस्थान के अंता क्षेत्र में रहने वाली एक महिला के साथ 6 जुलाई 2018 में सम्पन्न हुआ था। जिसके बाद वर्ष 2019 में केके धाकड़ ने सहपत्नि अंता जिले से मधुमक्खी पालन की ट्रेनिंग ली थी। दोनो दंपत्ती ने अठाना क्षेत्र से ही मधुमक्खी पालन का कार्य साथ में शुरू किया था। जिसके बाद धीरे—धीरे कारोबार बड़ने लगा और कई बेरोजगार महिलाओ को भी केके धाकड़ और उनकी पत्नि ने महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए उन्हे रोजगार देना आरंभ किया। 8 अप्रेल 2021 को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने मध्यप्रदेश में पहली बार महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने वाले इस कार्य की सराहना करते हुए केके धाकड़ द्वारा संचालित किए जा रहे मधुमक्खी पालन के कारोबार का शुभारंभ किया था। जिसके बाद करीब 1 वर्ष में मधुमक्खी पालन ओर शहद के व्यापार ने ऐसी रफ्तार पकड़ी कि दुर—दुर तक शहद की डिमांड बढ़ने लगी, लेकिन इसी बीच केके धाकड़ की जिंदगी में एक ऐसा मोड़ आया, जहां सब कुछ बिखर कर रह गया।

अचानक पत्नी रूठी : वर्ष 2022 के अक्टूबर माह में केके धाकड़ की पत्नि अचानक रूठकर अपने पीहर अंता चली गई और तभी से शहद का कारोबार ठप्प हो गया। कुछ माह बाद केके की पत्नि ने घरेलू हिंसा और देहज प्रताड़ना को लेकर आईपीसी की धारा 498ए और खर्चा मांगने के लिए धारा 125 के तहत न्यायालय में प्रकरण दर्ज करवा दिया और इन सबसे प्रताड़ित होकर केके धाकड़ ने एक अनोखा कदम उठाते हुए अपने ससुराल क्षेत्र में ही 498ए वाले बाबा के नाम से एक चाय की टपरी लगाई है। आज के परिवेश में सब कुछ मॉर्डन हो गया है, और इसी चकाचौंध में कई जीवन बर्बाद हो रहे है। हाल ही में मैरठ के सौरभ- मुस्कान का मामला ठंडा हुआ ही था कि इंदौर का एक और सनसनीखेज मामला उजागर हो गया। इंदौर की नई नवेली दुल्हन जिसका नाम सोनम बताया जा रहा है उसने अपने चंद दिनो के प्यार और रूपयो के खातिर अपने ही पति राजा रघुवंशी की बेरहमी से हत्या कर दी। आज के जमाने में कई महिलायें पुरूषो को डरा-धमका कर रखती है और कानून का सहारा लेकर उन्हे झुठे केसो में फंसा भी देती है। ऐसा ही मामला मेरे साथ हुआ है। झुठे केस में सब कुछ बर्बाद हो गया है। पिछले 3 वर्षो से झुठे प्रकरण में फंसकर राजस्थान के अंता जिले में न्याय के लिए दर-दर भटक रहा हूॅ। मेरी एक बुड़ी मॉ है जिसका एक मात्र मैं ही सहारा हूॅ। सब कुछ बर्बाद होने के बाद टीन शेड में जीवन व्यथित करना पड़ रहा है। महिला संबंधित प्रकरण एक ऐसा प्रकरण जहां मानसीक ही बल्कि सामाजिक भी प्रताड़ना झेलने को मजबूर होना पड़ता है। कई बार सौचा कि आत्महत्या कर लू, लेकिन फिर ख्याल आया कि मैरी एक बुड़ी मॉं है, जिसका मात्र एक मैं ही सहारा हूँ।

इसीलिए खोला यह कैफे : पत्नि द्वारा लगाए गए 498ए के झूठे प्रकरण से प्रताड़ना झेल ही रहा हूँ कि अब 125 की धारा डबल झेलना पड़ रही है और इसी प्रताड़ना से तंग आकर मैने फैसला लिया है कि अब जहां कानून का दुरूपयोग कर मुझे फंसाने की साजिश रची गई है उसी क्षेत्र में ‘498ए टी कैफे’ के नाम से चाय बेचकर कानून के साथ निष्पक्ष लड़ाई लड़ता रहुंगा, और इसलिए मैंने यह भी स्लोगन लिखा है कि ‘जब तक नही मिलता न्याय, तब तक उबलती रहेगी चाय’।

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