उज्जैन : मप्र की टूरिज्म पॉलिसी एवं वातावरण निवेशकों के अनुकूल है। उज्जैन नगरी हार्ट ऑफ स्पिरिचुअल इंडिया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव व प्रदेश सरकार द्वारा टूरिज्म पॉलिसी 2025 लागू की गई है। इसके तहत 10 से 30 प्रकार की अनुमतियां ऑनलाईन समय सीमा में उपलब्ध कराई जा रही है। पर्यटन के क्षेत्र में हॉटल, रिर्जाट, और अन्य प्रकार की पर्यटन सुविधाऐं उपलब्ध कराने के लिए पूंजी निवेश पर 15 से 30 प्रतिशत का अनुदान शासन द्वारा प्रदान किया जा रहा है। निवेशक स्पिरिचुअल एवं वेलनेस के क्षेत्र में निवेश के लिए आगे आए, उन्हें शासन द्वारा हर संभव सुविधाऐं उपलब्ध कराई जाऐगी। यह बात प्रमुख सचिव पर्यटन श्री शिव शेखर शुक्ला ने गुरूवार को उज्जैन में आयोजित स्पिरिचुअल एण्ड वेलनेस समिट 2025 में पैनल डिस्कशन सत्र को संबोधित करते हुए कही। मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम, मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम एवं आनंद विभाग के संयुक्त तत्वावधान में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में आयोजित इस स्पिरिचुअल एण्ड वेलनेस समिट 2025 के दौरान दो सत्रों में पैनल डिस्कशन आयोजित किए गए, जिसमें विषय विशेषज्ञों ने सार्थक चर्चा की। प्रथम सत्र के पैनल डिस्कशन में योगा निसर्ग एण्ड वैदिक योगा स्कुल के संस्थापक स्वामी चैतन्य हरी जी, एवीएन ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ रमेश वारियर, अपोलो आयुर्वेद पोजेक्ट लीडर डॉ मेघा केएल, लाईसॉर होटल्स के डायरेक्टर श्री मुकुन्द प्रसाद, इकोनोमिक्स टाईम्स की एडिटर सुश्री दीपशिखा, प्रमुख सचिव पर्यटन श्री शिव शेखर शुक्ला, प्रमुख सचिव औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन तथा आनंद विभाग श्री राघवेन्द्र कुमार सिंह ने भाग लिया। प्रथम सत्र के पैनल डिस्कशन में प्रमुख सचिव श्री राघवेन्द्र कुमार सिंह ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि दुनिया में हेल्थ एवं वेलनेस सेक्टर बहुत बड़ा सेक्टर है। देश में मध्यप्रदेश ही एकमात्र राज्य है जहां आनंद विभाग है। उज्जैन आध्यात्मिक कला, संस्कृति एवं विज्ञान के क्षेत्र में प्राचीन काल से ही पहचाना जाता रहा है। प्रशासनिक क्षेत्र में भी सम्राट विक्रमादित्य ने इस नगरी को विशेष पहचान दिलाई है। यह आध्यात्मिकता एवं वेलनेस का केन्द्र है। प्रमुख सचिव श्री राघवेन्द्र कुमार सिंह ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मध्यप्रदेश हमेशा नवाचारों के लिए जाना जाता है। उन्होंने निवेशकों से कहा कि आपके सुझावों पर अमल किया जाएगा।
कलेक्टर श्री रौशन कुमार सिंह ने अपने उद्बोधन में सिंहस्थ 2028 को ध्यान में रखते हुए आध्यात्मिक नगरी उज्जैन में किए जा रहे व्यापक विकास एवं निर्माण कार्यों और तैयारियों के बारें में प्रजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से अवगत कराया। और उज्जैन के समग्र विकास के लिए कार्ययोजना पर प्रकाश डाला। उन्होनें कहा कि उज्जैन में सिंहस्थ को ध्यान में रखते हुए सुगम आवागमन की सुविधाऐं उपलब्ध कराई जा रही है। सदावल में 4 हेलिपेड का निर्माण कार्य जारी है, क्षिप्रा नदी को अविरल प्रवाहमान बनाने के लिए कान्ह डायवर्सन क्लॉज डक्ट परियोजना पर तेजी से काम किया जा रहा है, सेवरखेडी सिलारखेडी बैराज परियोजना का कार्य भी तेज गति से जारी है। क्षिप्रा नदी पर दोनो ओर 29 कि.मी नए घाट बनाए जा रहे है। सिंहस्थ मेला क्षेत्र में 2,376 हेक्टेयर में नगर विकास योजना पर कार्य किया जा रहा है। सड़क ,सीवरेज, पेयजल, बिजली आदि स्थाई स्वरूप की बुनियादी सुविधाओं के विकास एवं विस्तार पर विशेष तौर पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने निवेशको से आवाह्न किया कि वे उज्जैन को स्पिरिचुअल सेंटर एवं वेलनेस सेंटर का हब बनाने के लिए निवेश के लिए आगे आए।
बिल्डींग वेलनेस इकोसिस्टम एण्ड वर्क फोर्स विषय पर दूसरे सत्र के पैनल डिस्कशन में प्रमुख सचिव श्री संदीप यादव, वीपी कैरली आयुर्वेदिक ग्रुप की सुश्री मोना वालिया, तिरुपति एस्टेट्स के डायरेक्टर श्री महेश पारयानी ,आईआईएम इंदौर के डायरेक्टर श्री हिमांशु राय , ताईवान इंडिया आर्युवेद ऐसोसिएशन के सहसंस्थापक श्री शुभम अग्निहोत्री , स्पोर्टस फिटनेस कोच श्री विजय ठक्कर, आयुष मंत्रालय भारत सरकार की संयुक्त सचिव सुश्री कविता गर्ग , इकोनॉमिक्स टाईम्स के श्री आशुतोष सिन्हा ने भाग लिया और विस्तार से चर्चा की। प्रमुख सचिव श्री संदीप यादव ने कहा कि देश में मध्यप्रदेश में सबसे अच्छी वेलनेस पॉलिसी है। उज्जैन में रोजाना एक लाख से अधिक दर्शनार्थी आते है ।
कार्यक्रम का संचालन सुश्री शिखा सिंह ने किया तथा सत्र के अंत में सुत्रधार सुश्री दिपशिखा एवं श्री आशुतोष सिन्हा ने मंचासीन विषय विशेषज्ञों एवं पेनलिस्टों को स्मृति चिन्ह भेंट किए। इस अवसर पर जनप्रतिनिधीगण ,वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और बड़ी संख्या में स्पिरिचुअल वेलनेस समिट में भाग लेने देश व प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए , निवेशक एवं प्रतिभागी उपस्थित थे।