भोपाल : मंत्री कुंवर विजय शाह के अचानक लापता हो जाने के बाद इंदौर कांग्रेस ने उनके गुमशुदगी के पोस्टर शहर के प्रमुख चौराहों पर चिपकाए हैं। इन पोस्टरों में लिखा है कि जो भी विजय शाह को ढूंढकर लाएगा, उसे ₹11,000 का इनाम दिया जाएगा। पोस्टरों के माध्यम से कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधते हुए यह भी स्पष्ट किया है कि जब तक विजय शाह इस्तीफा नहीं देते, तब तक कांग्रेस अपना आंदोलन जारी रखेगी।
कांग्रेस का आरोप – बयान के बाद से मंत्री लापता : जिला कांग्रेस सेवादल के कार्यवाहक अध्यक्ष विवेक खंडेलवाल ने बताया कि कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने के बाद से मंत्री विजय शाह गायब हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्री शाह कैबिनेट की बैठक में भी उपस्थित नहीं थे और अब तक उनका कोई अता-पता नहीं है। विवेक खंडेलवाल ने कहा, “हमें जानकारी मिली है कि वे भूमिगत हो गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि उनकी नसों में सिंदूर दौड़ रहा है, लेकिन इस समय 140 करोड़ देशवासियों की रगों में मंत्री का घटिया बयान दौड़ रहा है। पीएम को उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।”
गृह विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल : कांग्रेस ने यह भी कहा कि एक मंत्री का इस तरह लापता हो जाना यह दर्शाता है कि प्रदेश का गृह विभाग निष्क्रिय हो चुका है। पार्टी का आरोप है कि भाजपा सरकार और प्रशासन मिलकर उन्हें बचाने का प्रयास कर रहे हैं। कांग्रेस ने कहा कि पूरे देश में नेताओं और विपक्ष द्वारा इस्तीफे की मांग की जा रही है, लेकिन सरकार उनकी रक्षा कर रही है।
पोस्टर में लिखा – गुमशुदा की तलाश, इनाम मिलेगा :’ कांग्रेस द्वारा लगाए गए पोस्टरों में लिखा गया है – “गुमशुदा की तलाश, ढूंढ कर लाने वाले को उचित इनाम दिया जाएगा।” पार्टी ने साफ कर दिया है कि जब तक मंत्री इस्तीफा नहीं देते, कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
मंत्री ने वीडियो जारी कर दोबारा मांगी माफी : इस बीच, विवाद बढ़ने पर मंत्री विजय शाह ने एक वीडियो संदेश जारी करते हुए दोबारा माफी मांगी है। उन्होंने कहा, “यह मेरी भाषाई भूल थी। मेरा उद्देश्य किसी को ठेस पहुंचाना नहीं था। मैं बहन सोफिया कुरैशी और समस्त देशवासियों से हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं।”
28 मई तक राहत, एसआईटी करेगी जांच : मंत्री विजय शाह को फिलहाल 28 मई तक गिरफ्तारी और इस्तीफे दोनों से राहत मिल गई है। कोर्ट ने इस प्रकरण की जांच के लिए एसआईटी (विशेष जांच दल) के गठन के आदेश दिए हैं और इस दौरान उनकी गिरफ्तारी पर रोक भी लगा दी है। बीजेपी सूत्रों का कहना है कि जब तक कोर्ट गिरफ्तारी की अनुमति नहीं देता, तब तक इस्तीफे की कोई जरूरत नहीं है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह कोर्ट के आदेश का पालन करेगी। अब विजय शाह के राजनीतिक भविष्य का निर्णय 28 मई को आने वाली एसआईटी रिपोर्ट के बाद ही होगा।