नीमच : जिले के ग्राम चीताखेड़ा के समीप छोटे से गांव माताजी का खेड़ा में नवरात्रि में आस्थाा और विश्वा स का अदभुत नजारा देखने को मिलता है। नवरात्रि में आवरी माता जी के मंदिर में म.प्र. एवं राजस्थादन के विभिन्नन जिलों से हजारों श्रृद्धालु यहॉ दर्शन करने आते है। म.प्र. एवं राजस्थावन की सीमा पर स्थित मॉ आवरी माताजी का यह दरबार क्षेत्रवासियों के लिए आस्थाद और विश्वा्स का केंद्र है। मंदिर में पुजारी कारूलाल मीणा बताते है, कि उनकी पांच पीढ़ी से इस मंदिर में पूजा अर्चना की जा रही हैं। मान्य ता हैं, कि लगभग तीन सौ वर्ष पूर्व आवरी माता मंदिर परिसर में स्थित वट वृक्ष के नीचे मॉं की मूर्ति प्रकट हुई थी। जिसे बाद में मंदिर बनाकर यहॉं प्राण प्रतिष्ठाव की गई है। मान्यीता है, कि माताजी के इस दरबार में प्रतिदिन सैकड़ों लकवाग्रस्तं मरीज दर्शन करने आते है, और यहां दर्शन, पूजा अर्चना कर भभूत का सेवन करने से रोग मुक्तो हो जाते है। यहां चैत्र नवरात्रि में मेला लगता है। मंदिर प्रबंध समिति द्वारा मंरदिर परिसर में श्रृद्धालुओं की सुविधा के लिए विभिन्नर कार्य करवाये गये है। इस मंदिर के प्रति क्षेत्र के लोगों में अपार आस्थाव और विश्वास का भाव है, जो श्रृद्धालुओं को यहां दर्शन के लिए खीच लाता है।