नीमच। मालवा मेवाड़ के आस्था में शुमार आरोग्य तीर्थ स्थल विश्व विख्यात महामाया भादवा माता में सोमवार को 1 जनवरी 2024 को नव वर्ष की शुरुआत खास अंदाज में होगी और यहां हजारों भक्तों का तांता लगेगा।
भक्तों की सुविधा के लिए कलेक्टर दिनेश जैन व एसडीएम डॉ. ममता खेडे ने भक्तों की आवाज आई को देखते हुए विशेष इंतजाम किए हैं । इस अवसर पर समाजसेवी अरुल अशोक अरोरा गंगानगर द्वारा मां भगवती भादवा माता को वैष्णो देवी की तर्ज पर भोग अर्पण किया जाएगा और भक्तों को महा प्रसादी वितरण होगा।
उल्लेखनीय है कि नीमच जिले के अति प्राचीन चमत्कारिक आरोग्यधाम मंदिर महामाया भादवा माता के दिव्य मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है। मंदिर के कायाकल्प का समाजसेवी अरुल अशोक गंगानगर ने गृभगृह के सामने सभा मंडप सहित मंदिर का समस्त कार्य अपने हाथों में ले रखा है। मान्यता है कि यहां जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से कामना करता है, उसकी मनोकामना माता रानी पूरा करती हैं। यहां आने वाले लकवा पीड़ित मरीज मां की कृपा से भले चंगे होकर जाते हैं। यही वजह है कि नववर्ष 2024 की शुरुआत के अवसर पर हर वर्ग व आयु का व्यक्ति हो या अथवा युवा माता रानी का दर्शन कर अपना जीवन धन्य करना चाहता है। हर वर्ष नए साल पर माता रानी के मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। श्रद्धालुओं की आने वाली भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर समिति की ओर से विशेष तैयारियां की गई है। अल सुबह से ही मातारानी के दर्शन का दौर शुरू हो जाएगा, जो देर रात तक चलता रहेगा। समाजसेवी अरुल गंगानगर
ने वर्ष की शुरुआत के दिन मां वैष्णोदेवी की तर्ज पर मां भादवामाता को विशेष भोग लगाया जाएगा। चना और हलवा की प्रसादी वितरण सोमवार सुबह 10 बजे शुरू होगा, जो दिनभर चलेगा।
बीते हुए वर्ष 2023 में भादवा माता मास्टर प्लॉन मे अचानक तेजी आई है। मध्यप्रदेश शासन और समाजसेवियों ने लगातार बैठकें आयोजित कर कर मंदिर के दिव्य निर्माण का संकल्प लिया उसे मूर्त रूप मिल रहा है। जो इस नए वर्ष के साथ ही तेजी पकड़कर इस मंदिर निर्माण को मास्टर प्लान के अनुरूप अद्भुत बना देगा। महामाया भादवामाता के भक्त अरुल अशोक अरोरा गंगानगर ने मंदिर परिसर का काम अपने हाथ में ले रखा है। वर्तमान में मंदिर निर्माण छत भरने की और अग्रसर है। समाजसेवी अरुल गंगानगर द्वारा माताजी की बावडी, शिव मंदिर, गर्भगृह, रंग मंडप, सभा मंडप, हवन कुंड, झरोखे, बावडी आदि निर्माण कार्य करवाएं जा रहे है। छत भरने के बाद नक्काशी का काम शुरू होगा।