राणापुर ।(सुरेश समीर की रिपोर्ट)
श्री त्रिस्तुतीक जैन संघ के सानिध्य में श्री सुविधिनाथ एवं मुनि सुवृत स्वामी जिनालय से प्रभुजी का वरघोड़ा निकाला गया जो नगर भ्रमण कर मंदिरों में आरती के पश्चात वर घोड़े का समापन हुआ।
उल्लेखनीय है कि श्वेतांबर संप्रदाय में कार्तिक सुदी 14 चातुर्मास समाप्ति के एक दिन बाद आने वाली पूर्णिमा पर श्री पालीताणा तीर्थ की यात्रा की जाती हे।श्री सिमंधर धाम पर स्थापित श्री सिद्धांचल पट्ट पर जयंत गिरी की भाव यात्रा स्वरूप विधान किया गया जिसे कमलेश कटारिया ने सम्पन्न कराया व आरती उतारी गई।
श्री सिमंधर धाम पर परिषद की स्थापना अवसर पर परिषद का ध्वजारोहण तरुण परिषद व महिला परिषद की अनीता बाठिया और अवि सकलेचा ने किया। कार्यक्रम का संचालन राजेंद्र सियाल ने किया। संघ अध्यक्ष दिलीप सकलेचा ने भी ध्वजारोहण में सहभागिता की।
सुरेश समीर ने परिषद ओर वर्तमानाचार्य श्री के प्रति अपनी आस्था बनाए रखने का आव्हान किया।
राजेंद्र सियाल ने कहा कि आचार्य श्रीमद विजय जयंतसेन सूरीजी की राणापुर कर्म स्थली रही हे। वे अपने अंत समय तक राणापुर चातुर्मास की भावना को मन में दबाकर हमसे दूर हो गए।